क्या जिंदगी में दोस्त होने से Burnout कम हो सकता है?

जब आपके पास एक सच्चा दोस्त होता है, तो वह आपकी हर बात ध्यान से सुनता है, आपकी भावनाओं को समझता है, आपको बिना जज किए अपनाता है और आपको स्पेशल फील कराता है

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Rajveer Kaur
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Burnout

Photograph: (Google Image)

How Friendship Helps Women Heal from Burnout: आज के समय में बर्नआउट बहुत आम हो गया है। इसका मुख्य कारण काम से जुड़ा तनाव या ज़रूरत से ज़्यादा ज़िम्मेदारियां हो सकती हैं। अक्सर महिलाएं इसकी शिकार हो जाती हैं। ऐसे में उन्हें हर समय थकान महसूस होती है, काम में मन नहीं लगता, नींद में परेशानी होती है, खुद पर शक़ बढ़ जाता है और शरीर में उत्साह व ऊर्जा की कमी महसूस होती है। चलिए जानते हैं कि कैसे दोस्ती बर्नआउट को कम कर सकती है 

क्या जिंदगी में दोस्त होने से Burnout कम हो सकता है?

दोस्ती राहत का काम करती है 

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ऐसे में दोस्ती एक राहत बनकर सामने आती है। जब आपके पास एक सच्चा दोस्त होता है, तो वह आपकी हर बात ध्यान से सुनता है, आपकी भावनाओं को समझता है, आपको बिना जज किए अपनाता है और आपको स्पेशल फील कराता है। जब किसी की ज़िंदगी में आपकी वैल्यू होती है, तो वह एहसास आपके मन की थकान को मिटा देता है और आप भीतर से खुश महसूस करने लगते हैं।

खुली बातचीत से मिलती है राहत

कई बार सिर्फ अपने मन की बात कह देना या किसी का ध्यानपूर्वक सुन लेना ही बहुत बड़ी राहत बन जाता है। तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में हम खुशी महसूस करना ही भूल जाते हैं, लेकिन एक अच्छा दोस्त हमें फिर से उस खुशी से जोड़ देता है।

साथ बिताया वक्त बनता है थेरेपी

उसके साथ आप कहीं घूमने जा सकते हैं, खुलकर बातें कर सकते हैं, आराम से समय बिता सकते हैं। हल्की-फुल्की बातचीत भी मानसिक तनाव कम कर सकती है।

दोस्ती जो आपको खुद से मिलवाए

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एक सच्चा दोस्त वही होता है जो आपको खुद के और क़रीब लेकर आता है, जो आपकी पहचान आपसे ही करवाता है। वह आपको हमेशा मोटिवेट करता है कि आप अपनी सीमाएं तय करें, अपनी सेहत का ध्यान रखें और अपने लिए समय निकालें।

साथ का सुकून

जब वह आपका हाथ थामता है, तो ऐसा लगता है जैसे दुनिया की सारी चिंताएं कुछ पलों के लिए दूर हो गई हों। उसकी उपस्थिति ही मन और शरीर दोनों को सुकून देती है।

दोस्ती जो शब्दों से परे है

सच्चा दोस्त आपको सिर्फ समझता नहीं, बल्कि आपकी देखभाल भी करता है। वह सिर्फ बातें नहीं करता, बल्कि अपने कामों से आपकी मदद करता है। जैसे यह पूछना कि आपने खाना खाया या नहीं, आपका मूड ठीक है या नहीं, आप कब घर पहुंचीं और वह आपके साथ समय बिताने को भी हमेशा तैयार रहता है।