How Thyroid Affects Our Body? : थायरॉइड हमारी गर्दन में एक छोटी और तितली के आकार की ग्लैंड होती है जो हमारे एंडोक्राइन सिस्टम का हिस्सा है। यह ऐसे हार्मोन को प्रोडूस करता है जो आपके शरीर की मेटाबोलिक रेट, ग्रोथ और डेवलपमेंट को कंट्रोल करता है। थायराइड आपके दिल, मांसपेशियों और डाइजेशन प्रोसेस, ब्रेन डेवलपमेंट और बॉन मेंटेनेंस को भी कंट्रोल करने में भूमिका निभाता है।
थाइरोइड हमारी बॉडी को कैसे एफेक्ट करता है?
थायरॉइड प्रॉब्लम में कई तरह के डिसऑर्डर्स शामिल होते हैं, जिसकी वजह से ग्लैंड बहुत कम थायराइड हार्मोन (हाइपोथायरायडिज्म) या बहुत ज़्यादा (हाइपरथायरायडिज्म) का प्रोडूस कर सकती है। थायराइड डिसऑर्डर हार्ट बीट, मूड, एनर्जी लेवल, मेटाबॉलिसम, बोन हेल्थ, प्रेगनेंसी और कई दूसरे कामों को प्रभावित कर सकता है।
1. वेट गेन
वेट गेन होना थाइरोइड के सबसे आम सिम्पटम्स में से एक है। यह थायराइड हार्मोन के लो लेवल का संकेत हो सकता है, इस स्थिति को हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। इसके उल्ट, अगर थायरॉयड शरीर की ज़रूरत से ज़्यादा हार्मोन प्रोडूस करता है, तो आपका वजन काफी ज़्यादा कम हो सकता है और इसे हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है।
2. कोल्ड इन्टॉलरेंस
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों में कोल्ड इन्टॉलरेंस होती है क्योंकि उनकी बॉडी में स्टोर्ड एनर्जी को कन्वर्ट और यूज़ करने के लिए एनफ थायराइड हार्मोन प्रोडूस नहीं हो पाता। इसलिए, थायराइड डिसऑर्डर वाले व्यक्तियों में बॉडी टेम्प्रेचर को कंट्रोल करने के लिए कम एनर्जी अवेलेबल होती है और लोगों को ज़्यादा ठण्ड महसूस होती है।
3. इर्रेगुलर पीरियड्स
थायराइड डिसऑर्डर आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल को एफेक्ट कर सकता है, जिससे आपके पीरियड्स इर्रेगुलर, बहुत हैवी या बहुत कम हो सकते हैं। इसके कारण मेंस्ट्रुअल साइकिल महीनों या उससे ज़्यादा समय तक रुक भी सकता है, इस स्थिति को एमेनोरिया (Amenorrhea) कहा जाता है।
4. हॉट फ्लैशेस
हॉट फ्लैशेस भी थायरॉयड डिसऑर्डर का साइन हो सकते हैं। अगर थाइरोइड ग्लांड्स ओवर एक्टिव या अंडर एक्टिव हो जाएँ तो हॉट फ्लैशेस, डिप्रेशन और मीनोपॉज जैसे सिम्पटम्स हो सकते हैं।
5. मूड स्विंग्स
थायराइड प्रॉब्लम के होने से मूड भी इम्पैक्ट होता है। थाइरोइड हॉर्मोन के कम या ज़्यादा प्रोडूस होने से आपके मूड्स काफी जल्दी-जल्दी चेंज हो सकते हैं और थायराइड डिजीज जितना गंभीर होता है, मूड में उतना ही ज़्यादा बदलाव होता है।
6. इंसोमेनिया
हाइपोथायरायडिज्म या थायराइड हार्मोन प्रोडक्शन में कमी से स्लीप क्वालिटी प्रभावित हो सकती है, जिससे आपको इंसोमेनिया हो सकता है। इंसोमेनिया में हमें रात को जल्दी नींद नहीं आती और कभी आती भी है तो नींद इतनी कच्ची होती है कि छोटी से आहट या किसी सपने से जल्दी टूट जाती है।
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