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Silent Treatment: जानिए कैसे डील करें साइलेंट ट्रीटमेंट से

क्या आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपका किसी से झगड़ा हुआ हो और अचानक उन्होंने आपसे बात करनी बंद कर दी हो। कभी वह आपके सामने हो परंतु आपसे कोई कम्युनिकेशन नहीं करते। यह अक्सर दूसरे इंसान को सजा देने का एक तरीका होता है। इसे साइलेंट ट्रीटमेंट कहा जाता है।

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Shruti
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(Image Credit - Freepik)

How To Deal With Silent Treatment: क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपका किसी से झगड़ा हुआ हो या किसी बात पर कहा सुनी हुई हो और अचानक उन्होंने आपसे बात करनी बंद कर दी हो। कभी वह आपके सामने हो परंतु आपसे कोई कम्युनिकेशन या इंटरैक्शन नहीं करते। यह अक्सर दूसरे इंसान को सजा देने का या इमोशनली मैनिपुलेट करने का एक तरीका होता है। इसे साइलेंट ट्रीटमेंट कहा जाता है। ऐसे में कई बार सामने वाले इंसान को इनविजिबल जैसा फील होता है और ऐसा महसूस होता है जैसे उनकी कोई अहमियत नहीं है। हालांकि इंसान कई कारणों से साइलेंट ट्रीटमेंट करता है परंतु उनके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं और जिनके साथ यह ट्रीटमेंट हो रहा है उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। ऐसे में जानिए साइलेंट ट्रीटमेंट से डील करने के तरीके

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जानिए कैसे डील करें साइलेंट ट्रीटमेंट से

1. हेल्दी बाउंड्रीज बनाएं

जो भी इंसान आपको साइलेंट ट्रीटमेंट दे रहा हो उससे जितना हो सके बाउंड्रीज बनाने की कोशिश करें। यह पहचाने कि कब चीजे हद से ज्यादा हो रही हैं। आप अपनी बात को उनके सामने जाकर रख सकते हैं कि उनकी साइलेंट ट्रीटमेंट से आपको हर्ट हो रहा है और आप यह ट्रीटमेंट सहन नहीं करेंगे। अगर आपसे कोई गलती हुई है तो आप उसकी माफ़ी भी मांग लें।

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2. हेल्दी कन्वर्सेशन करें

आप अपनी फिलिंग्स सामने वाले इंसान को अच्छे से समझाएं और कन्वर्सेशन को हेल्दी रखने के लिए बार-बार उन पर ब्लेम ना डालें। बात करते समय दोनों के पॉइंट्स समझते हुए बात करें।

3. सेल्फ केयर प्रैक्टिस करें

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कई बार आपके प्रयास करने पर भी चीजे इतनी जल्दी ठीक नहीं होंगी। ऐसे में आप अपने इमोशनल हेल्थ का अच्छे से ध्यान रखें। इस समय इमोशनल बर्नआउट होना आम बात है। इससे बचने के लिए सेल्फ केयर प्रेक्टिस करें। आप अच्छी किताबें पढ़ सकते हैं, अपने प्रियजनों से बात कर सकते हैं, व्यायाम कर सकते हैं या कुछ देर बैठकर मेडिटेशन भी कर सकते हैं।

4. चीज़ों को पर्सनली ना लें

कई बार दूसरे इंसान का इमोशनली मेच्योर ना होना या अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स ना होना भी साइलेंट ट्रीटमेंट का एक कारण हो सकता है। ऐसे में चीजों को ज्यादा पर्सनली ना लें। नहीं तो आप और बुरा महसूस कर सकते हैं। कई बार यह उनके खुद के पर्सनल ट्रॉमा भी हो सकते हैं। हर ब्लेम आपको अपने ऊपर डालने की जरूरत नहीं है।

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5. शांत रहें

ऐसे समय में हो सकता है कि आप कई प्रकार के इमोशंस फील करें और अंदर से एंजायटी महसूस करें। परंतु इस समय सबसे ज्यादा जरूरी होता है खुद को शांत रखना। इससे आप शांत होकर उस इंसान से साफ़ तरीके से बात कर पाएंगे। साथ ही सामने वाले इंसान को यह भी समझ में आएगा कि साइलेंट ट्रीटमेंट का तरीका आप पर काम नहीं करेगा।

Silent Treatment साइलेंट ट्रीटमेंट
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