How To Support Sexual Assault Survivor: जिन महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न हुआ होता है। हम लोगों को उनके साथ कैसे पेश आना है, इसके बारे में पता ही नहीं होता है। यह एक बहुत ही जरूरी विषय है जिसके ऊपर बात करना बहुत जरूरी है। जब एक पीड़िता के साथ ऐसी घटना हो जाती है जो उसकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करती है तब हम सब लोग उसे ही दोष देने में लगे होते हैं। पीड़िता के ऊपर दोष लगाने की हमारी बहुत पुरानी आदत है और यह पितृसत्तात्मक सोच का हिस्सा है। यहां पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के ऊपर दोष लगाना बहुत ज्यादा आसान होता है। आज हम जानेंगे कि कैसे हम उनका सहारा बन सकते हैं-
जानें कैसे देना चाहिए उनका साथ
उन्हें स्वीकार करें
सबसे पहले आपको पीड़िता को वैसे ही स्वीकार करना होगा जैसे वो बता रही हैं। उनके साथ बहुत ही प्यार और संजीदगी से पेश आना होगा। यह एक ऐसी स्थिति है, आपका गलत रिएक्शन उनके ऊपर बुरा असर डाल सकता है। आप उनकी स्टोरी को सुने और स्वीकार करें। उन्हें अपने हिस्से की बात को बताने दे। उन्हें बीच में रोके मत या फिर अपना ओपिनियन मत शेयर करें। इसके साथ ही उन्हें जज करने की कोशिश मत करें। यह एक बहुत ही क्रिटिकल स्थिति है।।आप सबसे पहले उन्हें सुने कि वह क्या बताना चाहती है।
विक्टिम ब्लेमिंग मत करें
सबसे जरूरी बात विक्टिम ब्लेमिंग (Victim Blaming) मत करें। यह उनकी स्थिति को बुरा बना सकती है। ऐसी स्थिति में लोग इस बात को बहुत उठाते हैं कि उसने क्या कपड़े पहने थे, रात के समय बाहर गई थी, लड़कों से ज्यादा हंसकर तो बात नहीं कर रही थी या फिर वह खुद ही ऐसा चाहती थी और बाद में नाटक कर रही है। ऐसी बातें पीड़िता के सामने मत करें। इसके कारण बहुत सारी महिलाएं चुप कर जाती है या फिर शर्मिंदा हो जाती है. आप विक्टिम के साथ जो हुआ है उसे गलत बताने की जगह खुद पीड़िता को ही गलत ठहरा रहे हैं। इसके कारण वह खुद को भी गलत सोच सकती हैं या फिर उसके लिए दूसरों से मदद लेना बहुत मुश्किल हो जाता है।
उनकी भावनाओं को समझें
ऐसी स्थिति में से गुजरने के दौरान महिलाओं को महिला बहुत सारे भावनाओं में से गुजरती हैं। ऐसे में आप उन्हें सहारा दे और उनकी भावनाओं को समझें। उन्हें बताएं कि वह जैसे भी महसूस कर रहीं हैं, उसमें कुछ गलत नहीं है। यह सब बातें नॉर्मल हैं। उनके साथ किसी भी तरीके की जबरदस्ती मत करें या फिर उन्हें गलत मत बताएं। वह आपके साथ जितनी भी बातें शेयर कर रही हैं, उतना ही जाने। उनके साथ बाउंड्री को मत क्रॉस करें। इसके साथ ही धैर्य से काम ले और ज्यादा हड़बड़ी मत करें। इससे चीज पेचीदा हो सकती हैं।
किसी भी तरीके से मदद कर सकते हैं
ऐसे समय में पीड़िता को सहारे की बहुत जरूरत है। आप उन्हें किसी भी तरीके से मदद कर सकते हैं। ऐसे में अगर पीड़िता रिपोर्ट दर्ज करना चाहती हैं या फिर उसे किसी लीगल सहायता की जरूरत है तो आपको उसे तुरंत उपलब्ध करवानी चाहिए। इसके साथी ही उन्हें हेल्थ केयर प्रोवाइडर के पास भी जरूर लेकर जाना चाहिए। उन्हें काउंसलिंग की जरूरत भी हो सकती है।उन्हें ऐसे लोगों से मिलवाना चाहिए जिनके साथ ऐसा हुआ है। इससे उन्हें हौसला मिलेगा कि मैं ऐसी अकेली नहीं हूं और यह घटना किसी के साथ भी हो सकती है। उनकी सेल्फ केयर का ध्यान भी रखना बहुत जरूरी है।
सुझाव देने की कोशिश मत करें
आप उन्हें सुझाव देने की कोशिश मत करें। उन्हें अपने तरीके से चीज़ें हैंडल करने दें। आप बस उनकी इस जर्नी का साथी बनें। अगर आप उन्हें ऐसे सुझाव देंगे जिससे उनका ट्रामा ज्यादा बढ़ रहा है या फिर उन्हें तकलीफ हो रही है तो इसका कोई फायदा नहीं है। आप उनकी रोजमर्रा की चीजों में मदद कर सकते हैं। उन्हें अगर कहीं किसी से मिलने जाना है या फिर उन्हें अपनी लड़ाई में आपको आपकी किसी तरीके की मदद चाहिए तो आप कर सकते हैं।