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अगर हाउस वाइफ हो सकती है तो हाउस हस्बैंड होने में क्या बुराई

हमारे समाज में हाउसवाइफ शब्द को काफी अंडररेट किया जाता है। यह समझा जाता है कि अगर एक औरत हाउसवाइफ है तो वह पूरा दिन घर में फ्री रहती है और समाज में उठने, बैठने की उसमें समझ नहीं है।

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Mandie Panesar
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If Housewife Exists Why Can't Househusbands? (Image Credit: freepik)

If Housewife Exists Why Can't Househusbands? : हमारे समाज में हाउसवाइफ शब्द को काफी अंडररेट किया जाता है। यह समझा जाता है कि अगर एक औरत हाउसवाइफ है तो वह पूरा दिन घर में फ्री रहती है और समाज में उठने, बैठने की उसमें समझ नहीं है। 

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अगर हाउस वाइफ हो सकती है तो हाउस हस्बैंड क्यों नहीं

हाउस वाइफ शब्द तो बहुत नार्मल है लेकिन हाउस हस्बैंड वर्ड हमें काफी अनजाना और बेगाना सा लगता है। जिस तरह हाउस वाइफ घर परिवार और बच्चों को संभालती है उसी तरह हाउस हस्बैंड वह होता है जो जॉब नहीं करता बल्कि घर में रहकर घर और बच्चों का ध्यान रखे। आइए जानते हैं हमारी सोसाइटी में यह टर्म कितनी नार्मल है और हाउस हस्बैंड को किस नज़र से देखा जाता है। 

1. हर कोई जज करता है 

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अगर मर्द घर पर रह कर बच्चों और घर परिवार का ध्यान रख भी ले, तो समाज उसे निकम्मा, निठल्ला और बेकार समझता है। समझा जाता है कि मर्द घर का काम नहीं करता बल्कि घर चलाता है। घर बैठने पर उसे कई तरह के तानें सुनने को मिलते हैं और उनकी मेल ईगो हर्ट हो सकती है।

2. पैट्रिआर्की या पित्तृसत्ता 

पैट्रिआर्की का मतलब है कि परिवार में पुरुष ही प्राइमरी डिसिशन मेकर्स होते हैं। महिलाएं लगभग हर फैसले के लिए घर के मुखिया मर्द की परमिशन पर निर्भर होती हैं। औरतों को अक्सर मर्दों की सेवा भावना वाले कामों के लिए ही समझा जाता है, ऐसी सोच वाले समाज में अगर मर्द को औरत के लिए घर के काम करने होंगे तो उनकी ईगो तो हर्ट होगी ही। 

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3. पत्नी के ऑर्डर्स सुनने पड़ेंगे 

मर्द को शुरू से ही औरत पर आर्डर चलाने की ट्रेनिंग मिलती है फिर चाहे वो औरत माँ हो, बहन हो या फिर पत्नी। अगर औरत पैसे कमाने जाएगी तो घर का कुछ काम तो मर्द को करना ही पड़ेगा और अगर वह किचन का काम करना शुरू कर भी दे तो उसे महिला से आर्डर लेने में दिक्कत आती है। 

4. लोग उसे जनाना समझते हैं 

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कोई मर्द अगर किचन में कुकिंग ही कर ले तब भी कुछ लोग इस चीज़ को बुरा समझते हैं। कुछ मर्द तो अपने जूठे बर्तन तक उठाना अच्छा नहीं समझते कि कोई उन्हें औरत या ज़नाना कह कर न पुकारे तो घर के बाकी काम निपटाने की तो बात ही नहीं उठती। 

5. बच्चे संभालने के लिए पेशेंस चाहिए 

कुछ मर्द हाउस होल्ड मैनेज करने से बचने के लिए कुछ इस तरह के बहाने देते हैं कि घर-परिवार, बच्चे-बूढ़े संभालना बहुत पेशेंस का काम है यह तो औरत ही कर सकती है, इस तरह से वे हाउस हस्बैंड बनने से कतराते हैं। अगर औरत सब कुछ संभालने के साथ वर्क कर सकती है तो मर्द क्यों नहीं। 

6. क्या सोचेंगे बच्चे 

मर्दों के पास यह एक बड़ा बहाना होता है कि अगर वे अपनी वाइफ के ऑर्डर्स सुनेंगे, उसके लिए खाना बना कर रखेंगे या फिर घर की सफाई करेंगे तो उनके बच्चे उनके बारे में क्या सोचेंगे। उन्हें अपनी सो कॉल्ड 'इज़्ज़त' खराब होती दिखती है। 

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