Know About The Important Things Of Transphobia: एलजीबीटी लोगों को वैसे भी हमारे समाज में ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता है। उन्हें अभी भी स्वीकार करने में लोग कठिनाई मानते हैं। उनके साथ होने वाली हिंसा में कोई कमी नहीं है। बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपनी पहचान छुपा कर रहना पड़ता है क्योंकि समाज में उन्हें सपोर्ट नहीं मिलता है। अभी भी कुछ देशों में एलजीबीटी होना लीगल नहीं है। यह लड़ाई बहुत लंबी है। इसलिए उन लोगों को जितना साथ और स्वीकार मिलेगा उतना ही हम उनके लिए सुरक्षित माहौल पैदा कर सकते हैं. इस चीज में सबसे बड़ी बाधा ट्रांस्फोबिया है। आज हम उसके बारे में बात करेंगे-
जानें Transphobia के बारे में ये सभी जरूरी बातें
ट्रांस्फोबिया क्या है?
ट्रांस्फोबिया ट्रांसजेंडर लोगों के प्रति डर, घृणा और पूर्वाग्रह (Prejudice) होता है। ऐसा तब होता है जब कुछ लोग ट्रेडिशनल जेंडर रोल्स और अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होते हैं। इस तरीके से ट्रांस लोगों की आइडेंटिटी के ऊपर सवाल उठाए जाते हैं और उन्हें वास्तविक और वैलिड नहीं माना जाता है। यह एक तरह के रिजेक्शन की तरह काम करता है यह बहुत ही जटिल विषय है जिसमें बहुत तरीके के व्यवहार शामिल होते हैं। इसके कारण ट्रांस लोगों समाज में रहने में कंफर्टेबल महसूस नहीं होता है और ना ही वे खुद को व्यक्त कर पाते हैं ।
इसके कारण क्या होता है?
इसके प्रभाव बहुत बुरे हैं। सबसे पहले तो इसके कारण ट्रांस लोगों के साथ भेदभाव बहुत बढ़ जाता है। उन्हें समाज में रहने में बहुत सारी दिक्कतें आती हैं जैसे उन्हें रेंट पर घर नहीं मिलता है और लोग उन्हें अपने बीच शामिल नहीं करते हैं। उन्हें अलग नजरों से देखते हैं। इसके साथ ही उनके साथ व्यवहार भी गलत होता है जैसे लोग उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं और गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उनके साथ वर्बल और फिजिकल एब्यूज भी होता है और कई बार उनके ऊपर अटैक भी किए जाते हैं। इसके साथ ही सेक्सुअल एब्यूज भी होता है। उनके लिए ऐसे कानून भी नहीं बनाए जाते हैं जो उनके आगे बढ़ने में बैरियर बनते हैं।
ट्रांसजेंडर लोगों पर क्या असर पड़ता है
जब ट्रांसफोबिया के कारण उनके साथ ऐसा गलत व्यवहार होता है जहां पर उन्हें रिस्पेक्ट नहीं मिलती है और उन्हें वैलिड नहीं समझा जाता है तब उनकी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है। आप इसे खुद पर भी सोचकर देख सकते हैं, जब आपकी आइडेंटिटी पर सवाल उठाया जाए और आपको वैसे व्यक्त न करने दिया जाए जैसे आप हैं तब आपकी मेंटल पर भी असर पड़ेगा। ऐसे ही ट्रांसजेंडर लोग हैं, जब आप उनके साथ भेदभाव करते हैं, उन्हें bully, मारपीट या फिर Abuse करते हैं तो उन्हें भी डिप्रैशन, एंजायटी या फिर स्ट्रेस से गुजरना पड़ता है।
अच्छी मेंटल हेल्थ न होने के कारण वह खुदकुशी जैसा कदम उठाना ही अच्छा समझते हैं। इसके साथ ही वर्कप्लेस पर भेदभाव होता है। उन्हें दूसरों से कम मौके मिलते हैं। उन्हें हेल्थकेयर में बहुत सारी दिक्कतें आती हैं।
अगर हम ऐसे माहौल को खत्म करना चाहते हैं तो हमें खुद में कुछ बदलाव करने होंगे। सबसे पहले हमें एलजीबीटी कम्युनिटी के बारे में जानकारी लेनी होगी और उनके बारे में समझना होगा। उन्हें हमें वैसे ही स्वीकार करना होगा जैसे वह हैं। इसके साथ ही उनके जेनिटल के बारे में पूछना भी गलत है।आप उनके प्रोनाउंस के बारे में भी अंदाजा मत लगाएं बल्कि इसके बारे में स्पष्टीकरण जरूर लें। उनकी आईडेंटिटी को रियल और वैलिड माने। इसके साथ ही अपने आसपास ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करें जिसमें वह सुरक्षित महसूस करें और उनके अधिकारों की वकालत करें।