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Family Planning: फैमिली प्लान करते समय इन बातों का ध्यान रखें

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Monika Pundir
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इस युग में फैमिली प्लानिंग एक बहुत ही ज़रूरी और पॉप्युलर शब्द है। सरकार फैमिली प्लानिंग को प्रोत्साहन देती है, और सरकार का एक बड़ा डिपार्टमेंट का सिर्फ यही काम है की वे कम पढ़े लिखे लोगों को फॅमिली प्लानिंग सिखाए। तो आखिर यह है क्या चीज़ और इसे करते कैसे हैं? जानिए इस ब्लॉग में-

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फैमिली प्लानिंग क्या है?

फॅमिली प्लानिंग का अर्थ है अपने परिवार को बढ़ने की योजना। शादी के बाद बच्चे पैदा करना है की नहीं, हाँ तो कब और कितने, बच्चों की परवरिश कैसे होगी, इत्यादि। इसमें कंट्रासेप्टिव के लिए प्लानिंग और दो बच्चों के बीच का समय भी आता है, और यह सब सोचना बहुत ही ज़रूरी है। 

फैमिली प्लानिंग के समय क्या ध्यान में रखना चाहिए?

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1. पार्टनर के साथ आपकी रिलेशनशिप 

अपने पार्टनर के साथ आपकी रिलेशनशिप अच्छे माता पिता बनने का ज़रूरी हिस्सा है। बहुत बड़े-बुज़ुर्गों का राय है की अगर आपका आपके पार्टनर के साथ अनबन हो रही है, आप बच्चा प्लान कर लें। यह बहुत ही ख़राब सलाह है। 

बच्चा आपके रिलेशनशिप के प्रॉब्लम का समाधान नहीं है। अगर आप हमेशा आपके बच्चे के सामने झगड़ते रहेंगे, यह उसके लिए बहुत ही ख़राब होगा।

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2. सेविंग्स 

आपके और आपके पार्टनर के पास सेविंग्स होनी चाहिए। आम तौर पर आपके पास आपकी मंथली इनकम के छ: गुना सेविंग्स होना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आप 1000  रुपए महीने में कमाते हैं, तो बच्चा प्लान करने से पहले आपके पास 6000  रुपए सेविंग्स में होने चाहिए, ताकि अगर कोई फाइनेंशियल समस्या हो, या किसी की नौकरी चली जाये, आपका परिवार सुरक्षित रहेगा।

3. जगह 

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बच्चे के जन्म के कुछ साल बाद तक आप उसे अपने कमरे में सुला सकते हैं, पर उसके बाद आपको उसे उसका अपना कमरा देना पड़ेगा। उसकी पढाई के लिए टेबल, किताबों के लिए शेल्फ, कपड़ों के लिए अलीरा, इत्यादि जगह लेते हैं। आपको इस जगह की प्लानिंग करनी पड़ेगी। अगर आप जॉइंट फॅमिली में रहते हैं तो आप क्या करेंगे, और अगर आप किराय पर रहते हैं तो क्या आप अपना बड़ा घर खरीदेंगे? इसी घर में क्या आप एक इंसान का 18-20 साल के लिए जगह बना पाएंगे?

4. परवरिश

इस युग में दोनों माता पिता का काम करना बहुत ही आम बात है, पर अगर आप भी यही चाहते हैं तो बच्चे की परवरिश कौन करेगा। अगर आप जॉइंट फैमिली में रहते हैं तो क्या आपके रिश्तेदार आपकी मदद करेंगे? अगर नहीं, तो क्या आप बच्चे को डे केयर में देंगे या किसी रिश्तेदार के घर पर छोड़ेंगे?

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क्या आप में से कोई भी अपने करियर से 2-3 साल का ब्रेक लेने के लिए तैयार है? मैटरनिटी लीव केवल 6 महीने का होता है। इस लीव के बाद माता या पिता को करियर ब्रेक लेने की ज़रूरत पड़ सकती है। मेरे समय में मेरी माँ अमरीका के क्लाइंट के साथ काम करती थी, इसलिए उनका नाइट शिफ्ट था, और मेरे पिताजी अपने ऑफिस से जल्दी निकलते थे। इस तरह मेरे साथ हमेशा कोई था। कभी कभी मुझे मेरे दादी के घर छोड़ दिए जाता था अगर दोनों का काम था। मेरी बहन के समय मेरे पिताजी ने वर्क फ्रॉम होम किया था।

5. क्या आप तैयार हैं?

इन टेक्निकल बातों के अलावा एक बहुत ज़रूरी चीज़ है आपकी मेन्टल स्थिति। क्या आप एक बच्चे की रेस्पोंसिबिलिटी के लिए तैयार हैं? क्या आपकी मेंटल और शारीरिक स्थिति है एक बच्चे का रात जाग कर केयर लेने का? क्या आप समझते हैं की आपके जुड़वे बच्चे हो सकते हैं? क्या आप इस बात को स्वीकार करते हैं कि बच्चा विकलांग भी पैदा हो सकता है? क्या आप समझते हैं कि एक बच्चा आपका या आपके पार्टनर का अंश नहीं है। वह एक अलग व्यक्ति है जिसकी अलग पसंद होगी, जो आपसे अलग हो सकती है। 

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