Ways To Support Women After Miscarriage: महिलाएं जननी होती है। इस बात में कोई शक नहीं है। एक महिला अपने पेट में 9 महीने तक बच्चे को पालती हैऔर दर्द सहन करते हुए उसे इस दुनिया में पैदा करती है। इसके बाद उसका पालन-पोषण करती है और इस लाइक बनाती है कि वह सही गलत की पहचान कर सके। कई बार महिला का गर्भपात हो जाता है जो अपने साथ बहुत सारी पीड़ा और उदासी के पल लेकर आता है। यह समय किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता है। हर चीज़ उनके लिए असहनीय हो जाती है। आईए जानते हैं कि कैसे ऐसे समय में सपोर्ट किया जा सकता है-
गर्भपात क्या होता है?
मेडिकल भाषा में समझे तो जब किसी भ्रूण की 20 हफ्ते से पहले ही मौत हो जाती है उसे मिसकैरेज कहा जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इस घटना का महिला की मानसिक और शारीरिक सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ऐसे में परिवार का साथ और डाक्टरी सहायता बहुत जरूरी है। गर्भपात के बाद इलाज जरुरी है क्योंकि बाद इंफेक्शन और अन्य खतरे पैदा हो सकते हैं।
Miscarriage के बाद महिला को कैसे सपोर्ट किया जा सकता है?
पार्टनर का रोल
मिसकैरेज के बाद पार्टनर का रोल बहुत बढ़ जाता है क्योंकि वह महिला के सबसे करीब होता है। ऐसे में उसे सबसे ज्यादा महिला पास रहना चाहिए जिससे वह खुद को दोषी मत माने और डिप्रेशन या स्ट्रेस जैसी मानसिक समस्याओं में ग्रस्त ना हो जाए। अगर पार्टनर की तरफ से साथ मिलेगा, इससे महिला को लगेगा कि वह इस सफर में अकेली नहीं है।
जज मत करें
यह स्थिति महिला के लिए बहुत नाजुक और संवेदनशील हो सकती हैं। ऐसे में पार्टनर या परिवार का रिएक्शन उसके ऊपर प्रभाव डाल सकता है। इसके साथ ही महिला की रिएक्शन को भी जज मत कीजिए। आप नहीं जानते कि उन्हें कैसा महसूस हो रहा है? इसके लिए उन्हें समझाने की कोशिश मत करें। इसके साथ ही यह भी समझिए कि हर व्यक्ति के रिएक्ट करने का तरीका अलग हो सकता है। ऐसे में आप उन्हें जज करेंगे जो उनकी स्थिति को और खराब कर सकता है। वह जैसे भी वह रिएक्ट कर रही है उसे स्वीकार कीजिए।
दोषी मत मानिए
बहुत बार महिला ऐसी स्थिति में खुद को दोषी मानने लग जाती है कि उसने अपनी सेहत के ऊपर ध्यान नहीं दिया या उसकी गलती के कारण ऐसा हो गया। उसने अपने पार्टनर के बच्चे को खो दिया और पार्टनर कभी माफ नहीं करेगा। यह सारी बातें दिमाग में आने लग जाती हैंलेकिन ऐसी बातों को नॉर्मल मत समझिए। खुद को दोष देना बंद कीजिए। इसमें किसी का भी कोई दोष नहीं है। ऐसा किसी के साथ और कभी भी हो सकता है।
खुद को समय दीजिए
ऐसे में खुद को समय देना बहुत जरूरी बन जात जाता है। सबसे पहले आप इस दुख को स्वीकार कीजिए और दूसरा बच्चा प्लान करने की जल्दी भी यहां पर आपके लिए गलत साबित हो सकती है। यह बहुत आपके लिए क्विक डिसीजन हो सकता है। अभी आपको कुछ समय गैप लेने की जरूरत है। ऐसे में आप रेस्ट लीजिए। खुद को शांत करने के लिए माइंडफूलनेस टेक्निक्स या मेडिटेशन को जिंदगी में लेकर आएं लेकिन जल्दबाजी मत करें। चीजों को सही करने की कोशिश में गलत डिसीजन मत ले।
मदद ले
महिलाएं को अगर ऐसे समय में मदद की जरूरत महसूस होती है तो इसे लेने में पीछे मत हटें या फिर शर्मिंदा मत हों। मदद लेना ऐसे समय में स्वाभाविक है। अगर आपको प्रोफेशनल मदद या फिर अपने परिवार से बात करने का मन हो रहा है तो बेशक कीजिए। चीजों को ज्यादा सोचिए मत। उन्हें अपने अंदर से बाहर निकालने की कोशिश कीजिए। इससे आप हल्का महसूस करेंगे। समय-समय पर मेडिकल प्रोफेशनल से बात करना और मदद लेना बहुत जरूरी है।