मेनोपॉज़ के दौरान मूड स्विंग्स क्यों बढ़ जाते हैं?

मेनोपॉज़ के दौरान शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हॉर्मोन धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। ये हॉर्मोन शरीर के साथ-साथ ब्रेन के केमिकल्स पर भी असर डालते हैं।

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Dimpy Bhatt
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Why do mood swings increase during menopause

Photograph: (Freepik)

मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं के शरीर और मन में बहुत सारे बदलाव आते हैं। इस समय सबसे आम समस्या मूड स्विंग्स की होती है। इस दौरान, बिना किसी वजह के चिड़चिड़ापन, कभी उदासी, तो कभी गुस्सा या बेचैनी महसूस होना आम बात है। कई महिलाओं को पता ही नहीं होता कि उन्हें अचानक ऐसा क्यों महसूस होता है। लेकिन, इसके कई मानसिक और शारीरिक कारण हैं।

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मेनोपॉज़ के दौरान मूड स्विंग्स क्यों बढ़ जाते हैं?

1. हार्मोनल बदलाव का असर

मेनोपॉज़ के दौरान शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हॉर्मोन धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। ये हॉर्मोन शरीर के साथ-साथ ब्रेन के केमिकल्स पर भी असर डालते हैं। जब इनका बैलेंस बिगड़ता है तो इमोशन पर असर पड़ता है। इससे अचानक मूड स्विंग हो सकते हैं और कभी-कभी मन भारी हो सकता है।

2. नींद की कमी और थकान

मेनोपॉज़ के दौरान, बहुत सी महिलाओं को सोने में दिक्कत होती है। इसके आम लक्ष्ण है नींद न आना, बार-बार नींद से जगना और रात में पसीना आना शामिल हैं। जब शरीर को पूरी नींद नहीं मिलती तो मन थका हुआ रहता है। इसका सीधा असर मूड पर पड़ता है, जिससे छोटी-छोटी बातें भी बड़ी लगने लगती हैं।

3. शारीरिक बदलाव 

वज़न बढ़ना, शरीर में दर्द, हॉट फ्लैशेज़ और एनर्जी की कमी, ये सभी मेनोपॉज़ के लक्षण हो सकते हैं। जब शरीर हर समय ठीक नहीं रहता, तो मन बेचैन होने लगता है। महिलाएँ खुद को पहले जैसा महसूस नहीं कर पातीं, जिससे मूड स्विंग्स और सेल्फ़-कॉन्फिडेंस में कमी आ सकती है।

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4. भावनात्मक बदलाव और डर

मेनोपॉज़ से इमोशनल और फिजिकल दोनों तरह के बदलाव होते हैं। कई महिलाओं को उम्र बढ़ने, अपनी सुंदरता खोने या ज़िंदगी के एक नए पड़ाव में आने की चिंता होती है। इसी सोच से महिलाओं का इमोशनल स्ट्रेस बढ़ जाता है। जब तक इस टॉपिक पर खुल कर बात नहीं होती, तो मन भारी रहता है।

5. सपोर्ट और समझ की कमी

जब परिवार के सदस्य या आस-पास के लोग इस बदलाव को नहीं समझते हैं, तो महिलाओं को अकेलापन महसूस होने लगता है और उन्हें लगता है उनकी भावनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इस अकेलेपन और गलतफहमी से मूड स्विंग और भी खराब हो सकते हैं। मेनोपॉज़ के दौरान मूड स्विंग होना बहुत आम बात है। सही जानकारी, सहनशीलता और मदद से इस स्टेज को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।

मेनोपॉज मूड स्विंग्स