Working Women: आज कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है। एक समय था जब महिलाओं को घर से बाहर निकलने के लिए भी इजाजत लेनी पड़ती थी। कामकाज तो दूर बाहर निकलना भी उनके लिए दूभर था लेकिन आज समय बदल रहा है। आज महिलाएं अपने हक के लिए आगे आ रही हैं। लेकिन फिर भी बात कामकाजी महिलाओं या वर्किंग वुमन की करी जाए तो स्थितियां थोड़ी अलग हैं। ऐसे बहुत से फैक्टर्स हैं जिनपर कामकाजी महिलाएं आज भी सहमत नहीं हैं। आज भी कई मुद्दे हैं जिनपर कामकाजी महिलाएं लगातार आवाज उठाती रही हैं।
महिलाओं को काम करना पुरुषों के काम करने से आज भी थोड़ा भिन्न है। वैसे तो आज परिवार का कल्चर बदल रहा है। महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी घर के कामों को साथ निभा रहे हैं। इससे काफी हद तक स्थितियां सहीं हुई हैं। फिर भी कुछ मुद्दे हैं जिनपर कामकाजी महिलाओं का हमेशा ध्यान रहता है।
कामकाजी महिलाएं किन मुद्दों पर ज्यादा बात करती हैं
कामकाजी महिलाओं को निम्नलिखित मुद्दों पर बात करते देखा जा सकता है :-
ऑफिस का समय
महिलाएं आज भी ऑफिस के समय को लेकर काफी संवेदनशील रहती हैं। महिलाओं को हमेशा यही प्रियॉरिटी रहती है कि उनके ऑफिस का समय सही हो। सही समय पर घर पहुंचना और घर पर समय दे पाना महिलाओं का एक मुद्दा है।
सुरक्षा है प्राथमिकता
महिलाओं के लिए सुरक्षा बहुत बड़ा मुद्दा होता है। किसी भी ऑफिस में काम करने से पहले महिलाओं के लिए सुरक्षा पहली जरुरत है। महिलाएं उसी ऑफिस में वर्क करना चाहती हैं जहां उन्हें सुरक्षित वातावरण मिले और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
हैल्थ पर भी रहता है ध्यान
वहीं जिन संस्थानों में हैल्थ के प्रति अवेयरनेस है, महिलाएं उन संस्थानों को पहले ज्वाइन करती हैं। ऐसा इसलिए कि आज हैल्थ एक बड़ा मुद्दा है और कामकाज के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है। ऐसे में महिलाएं हैल्थ को भी प्रियॉरिटी देती हैं।
वर्क एंड लाइफ बैलेंस
महिलाओं का चुनाव हमेंशा ऐसे वर्किंग मॉडल की ओर रहता है जिससे वो अपनी लाइफ और अपने वर्क दोनों को अच्छे से निभा पाएं। एक शोध की मानें तो ये पाया गया कि कोविड के बाद से महिलाएं खासतौर से हाईब्रिड वर्किंग मॉडल को ज्यादा प्रिफरेंस दे रही हैं। ऐसा इसलिए कि इसमें वर्क एंड लाइफ बेलेंस बना रहता है।
पैकेज भी है प्रियॉरिटी
महिलाओं की एक प्रियॉरिटी ये भी रहती है कि उन्हें पैकेज क्या मिल रहा है। खासतौर से संस्थानों में पैकेज को लेकर महिलाओं का ज्यादा ध्यान जाता है। ऐसा इसलिए कि महिलाओं के अपने खर्चों के साथ-साथ अन्य पारिवारिक खर्चे भी होते हैं।
इस तरह देखा जा सकता है कि आज भी कामकाजी महिलाओं के लिए बहुत से मुद्दे हैं जिनपर वे समय-समय पर ध्यान देती रहती हैं। महिलाओं के लिए वे खुद और उनका परिवार दोनों ही अहम् होता है।