Common Myths About Working Women: अधिकतर समय लोग महिलाओं के बारे में कुछ न कुछ विचार मन में सोच लेते हैं। महिलाओं के अंदर एक अद्भुत शक्ति होती है। वह घर को संभालने के साथ-साथ अपने कामकाज को भी बैलेंस रखती हैं। महिलाएं अपने जीवन में बहुत-सा संघर्ष करती हैं। घर के सभी सदस्यों का ध्यान रखने के साथ-साथ महिलाएं अपने ऑफिस के काम को भी पूरी तरह से संभालती है। कहा जाता है कि महिला एक देवी समान होती है। मगर बहुत से लोग उन्हें कमजोर समझते हैं। कामकाजी महिला को बहुत सारे दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है।
कामकाजी महिलाओं के बारे में कुछ मिथक
1. परिवार और काम को एक साथ बैलेंस नहीं कर पातीं
लोगों का ऐसा मानना है कि अक्सर सारी महिलाएं अपने परिवार के सभी सदस्यों का काम कर नहीं पाती है। उसके बाद वे अपने ऑफिस के काम को भी पूरी तरह से समय पर करना पड़ता है। महिलाओं को परिवारों के साथ एक दोहरे बोझ का अनुभव भी करना पड़ता हैं। जबकि ऐसा नहीं है। महिलाएं अपने घर के साथ-साथ कार्यस्थल पर भी अपना 100% देती है। कई महिलाएं बच्चे पैदा करने के लिए अपने करिअर में से भी समय निकाल लेती हैं।
2. सभी के साथ समय नहीं बिता पाती
समाज में अभी भी ऐसी मान्यता है कि महिलाएं अपने ही लोगों को समय नहीं दे पातीं। जबकि कार्य-जीवन को संतुलन रखना महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों का भी मुद्दा है। अधिकतर पुरुष अपने परिवार से ज्यादा समय बिताने को एक बड़ा मुद्दा मानते हैं। महिलाएं और पुरुष दोनों को ही परिवार के साथ समय बिताने का वक्त कम मिलता है। रिसर्च से पता चला है कि, महिलाओं के तुलना में पुरुषों के संगठन छोड़ने की संभावना अधिक होती है।
3.सभी जगह संघर्ष करना
समजा यह भी मानता है कि महिलाएं संघर्ष बहुत करती हैें। मान्यता है कि चाहें महिला घर में हो या कामकाज के लिए कार्यालय में हो उन्हें दोनों जगह ही संघर्ष करना पड़ता है। सभी के साथ खुद को भी समय देना पड़ता है। यह सब चलते महिलाओं को खुद के लिए भी समय निकालने का वक्त नहीं मिल पाता। इसके कारण वह हमेशा व्यस्त रहती हैं परिवार और कार्यालय को संभालने में।
4. खुद को समझने का महिलाओं को समय नहीं मिल पाता
लगों का मानना है कि परिवार और कार्यालय के कामकाज में महिला इतना व्यस्त हो जाती हैं कि उन्हें खुद के लिए भी समय नहीं मिल पाता। खुद का सेल्फ केयर नहीं कर पातीं। जबकि ऐसा नहीं है। महिलाएं और पुरुष दोनों ही का ये एक निजी मामला है।
5. स्वास्थ्य का ध्यान रखने में दिक्कत
महिलाएं अपने कामकाज में इतना व्यस्त हो जाती हैं उन्हें खुद के लिए भी समय नहीं मिल पाता जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य और भी ज्यादा खराब होने लगता है। समाज का ये भी कामकाजी महिलाओं के प्रति एक मिथक है।