Your Parents Need Your Attention Too: जब हम छोटे होते हैं तब हमें अपने पेरेंट्स के बिना रहना भी मुश्किल लगता है, लेकिन जैसे हम बड़े होते जाते हैं, अपनी ज़िंदगी में मस्त हो जाते हैं और अपने पेरेंट्स के बारे में भूलते चले जाते हैं।
बढ़ती उम्र में है आपकी ज़रूरत, पेरेंट्स का ऐसे रखें ध्यान
हम बड़े होते-होते अपनी ज़िंदगी में इतने मशरूफ हो जाते हैं कि अपने पेरेंट्स के लिए टाइम निकालना और उनके पास बैठना मुश्किल सा हो जाता है। हमें अपनी लाइफ में से कुछ पल उनके लिए ज़रूर निकालने चाहिए और उनसे बातचीत बना कर रखनी चाहिए। कई बार आपके माता-पिता आपके साथ अपनी कोई परेशानी शेयर नहीं करते ताकि आप परेशान न हों लेकिन इस तरह से उनकी प्रॉब्लम बढ़ सकती है। ऐसी चीज़ों से बचने के लिए आप कोशिश करें कि समय-समय पर उनकी बात सुनते रहें। आइये डिसकस करते हैं कुछ पॉइंट्स ताकि हम अपने काम को प्राइरिटाइज़ करने के साथ-साथ अपने पेरेंट्स का ध्यान भी रख सकें।
1. ज़रूरतों को समझें
अपने पेरेंट्स की बढ़ती उम्र की ज़रूरतों को समझें। उनसे बात करें और उनसे खुद पूछें अगर उन्हें किसी चीज़ की ज़रूरत है या कोई दिक्कत-परेशानी है। कुछ दवाई या मेडिकल कंडीशन हो तो उसे टालें न बल्कि जल्द से जल्द डॉक्टर से डिसकस करें।
2. अपनी दिनचर्या शेयर करें
जब भी आप घर पर आएं, उनके साथ अपने दिन की बातें करें। उन्हें बताएं कि आपने आज पूरा दिन क्या किया और आपके साथ आज क्या हुआ। उनसे भी पूछें कि उनका दिन कैसा गुज़रा। इससे उनके पूरे दिन की थकान या फिर बोरियत आपके दो पल उन्हें देने खत्म हो सकती है।
3. उन्हें सोशल होने की सलाह दें
पेरेंट्स को सोशल गेदरिंग्स में जाने और वहाँ कुछ समय बिताने की सलाह दें। इससे वे घर पर बैठे-बैठे बोर भी नहीं होंगे और उनका कुछ समय अच्छा गुज़र जाएगा।
4. उन्हें चाहिए आपकी अटेन्शन
याद रखें कि आपके पेरेंट्स को आपकी अटेंशन की बहुत ज़रूरत होती है। अगर वे ईग्नोर्ड फील करेंगे तो उखड़ा-उखड़ा महसूस करेंगे। कोशिश करें कि आप उनको इग्नोर न करके अपना अटेंशन और प्यार उन्हें दे पाएं।
5. रिस्पेक्ट करें
अगर आपके पेरेंट्स आपसे कुछ कह भी दें या कुछ ग़लती भी करें तो याद रखें कि उनके साथ गुस्सा करें या उन्हें डांटें न। बल्कि उस बात को छोड़ दें। जब आपका दिमाग़ शांत हो तो उनसे बात करें पॉइंट समझाएं।
निष्कर्ष आखिर में यह याद रखें कि आपके पेरेंट्स आपसे प्यार करते हैं और उनसे ज़्यादा आपका भला कोई नहीं सोच सकता। हो सकता है कि कभी क-भार वे किसी बात पर ओवर-रियेक्ट कर जाएँ लेकिन आपका दिया कुछ पल का समय उन्हें सब भुला सकता है।