Women Entrepreneur: पहले के समय से कहा जाता है और यह भी माना जाता है कि महिलाएं हमेशा पुरुषों से बहुत पीछे होती हैं, जो पुरुष कर सकते हैं महिलाएं नहीं कर सकती हैं। लेकिन अगर हकीकत में देखा जाए तो जो महिलाएं कर सकती हैं वो पुरुष कभी नहीं कर सकते। अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं कि महिलाएं हमेशा पुरुषों से पीछे रहेंगी और कभी भी उनसे आगे नहीं जा पाएंगी, लेकिन हमारे देश की कुछ महिलाओं ने इस बात को गलत साबित कर दिया है। उन सभी महिलाओं को इन सफल महिलाओं से सीखना चाहिए कि एक महिला कभी किसी से कम नहीं हो सकती।
5 महिला उद्यमियों का नाम बताइए
1. फाल्गुनी नायर : फाल्गुनी नायर नायका की संस्थापक और सीईओ हैं। पहले के समय में यह अपेक्षा की जाती है कि एक महिला बच्चे की मां बनते ही अपनी नौकरी छोड़ दे या जब उसके बच्चे बड़े हो जाएं तो वह काम कर सकती है। फाल्गुनी नायर को ऐसी उम्मीदों की कभी चिंता नहीं थी। हम सभी जानते हैं कि नायका बहुत प्रसिद्ध सौंदर्य उत्पाद ब्रांड है। फाल्गुनी नायर ने 49 साल की उम्र में नायका लॉन्च किया था।
2. सूचि मुखर्जी : सूचि मुखर्जी लाइमरोड की फाउंडर और सीईओ हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बहुत सी चीजों का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत सी चुनौतियों, कठिनाइयों से गुजरती हैं। लंदन में अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने के बाद सूचि मुखर्जी भारत वापस आ गईं और अपना व्यवसाय स्थापित किया। इसलिए कठिन समय में भी एक महिला के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
3. वंदना लूथरा : वंदना लूथरा VLCC की संस्थापक हैं। वह भारत में सबसे सफल भारतीय व्यवसायी हैं। वंदना समझ गईं भारत का सौंदर्य स्वास्थ्य उद्योग उतना अच्छा नहीं कर रहा था जितना अन्य देशों में कर रहा था। वंदना ब्यूटी, स्किनकेयर, हेल्थकेयर में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए यूरोप गई थीं। उन्होंने 1989 में नई दिल्ली में पहला वीएलसीसी केंद्र स्थापित किया। अब VLCC हमारे देश में सबसे अच्छे सौंदर्य उत्पादों में से एक बन गया है।
4. दिव्या गोकुलनाथ : दिव्या गोकुलनाथ BYJU’s की को-फाउंडर हैं। खासकर COVID-19 के बाद ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ गया है। अगर यह तकनीक नहीं होती, तो बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते। 2011 में, दिव्या ने अपने पति के साथ बायजू की सह-स्थापना की। बायजू ने 2015 में वीडियो लेसंस के साथ एक ऑनलाइन ऐप लॉन्च किया था। इस ऐप न महामारी के दौरान बहुत मदद किया था और इसने सितंबर 2020 तक 70 मिलियन छात्रों को मुफ्त पहुंच और शिक्षित भी किया।
5. रितु कुमार : रितु कुमार फैशन डिजाइनर हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बुटीक संस्कृति भारत में बहुत प्रसिद्ध है, रितु कुमार ने भारत में इस बुटीक संस्कृति की शुरुआत की। 1980 के दशक से पहले बहुत कम फैशन डिजाइनर मौजूद थे, और उनमें से एक रितु कुमार थीं।