Fitness Fixation: हेल्दी रहने की होड़ में कहीं बीमार तो नहीं हो रहीं है महिलाएं

Fitness Fixation: आजकल महिलाएं फिट और पतली दिखने के लिए खूब मेहनत कर रही हैं। सोशल मीडिया और सेलिब्रिटीज़ को देखकर उन पर परफेक्ट दिखने का दबाव बढ़ गया है। सवाल ये है कि कहीं इस कोशिश में वे अपनी सेहत तो नहीं बिगाड़ रहीं?

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Tamnna Vats
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fitness at home(pixabay)

In the race to stay healthy, are women unknowingly making themselves sick?: आजकल महिलाएं फिट और पतली दिखने के लिए खूब मेहनत कर रही हैं। सोशल मीडिया और सेलिब्रिटीज़ को देखकर उन पर परफेक्ट दिखने का दबाव बढ़ गया है। वे सिर्फ सेहत के लिए नहीं, बल्कि अच्छा दिखने की भी कोशिश कर रही हैं। लेकिन सवाल ये है कि कहीं इस कोशिश में वे अपनी सेहत तो नहीं बिगाड़ रहीं?

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Fitness Fixation: हेल्दी रहने की होड़ में कहीं बीमार तो नहीं हो रहीं है महिलाएं?

असली सेहत का मतलब क्या है?

सेहत का मतलब सिर्फ पतले या फिट दिखना नहीं है। असली सेहत तब होती है जब शरीर, मन और दिल तीनों ठीक हों। हेल्दी डाइट मतलब ऐसा खाना जिसमें सभी ज़रूरी चीजें हों। एक्सरसाइज से शरीर को ताकत और दिमाग को सुकून मिलना चाहिए, न कि थकावट। सबसे अहम बात है खुद को वैसे ही स्वीकार करना जैसे हम हैं। हर शरीर और उसकी खूबसूरती अलग होती है।

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फिटनेस की भागदौड़ या असली सेहत का नुकसान

अक्सर महिलाएं फिटनेस के चक्कर में अपनी असली ज़रूरतों और शरीर की सीमाओं को नजरअंदाज कर देती हैं। बिना सही जानकारी के इंटरनेट से डाइट फॉलो करती हैं और भूखे रहकर वजन घटाने की कोशिश करती हैं। बिना एक्सपर्ट की सलाह के घंटों वर्कआउट करने से थकान, हार्मोनल दिक्कतें, पीरियड्स में गड़बड़ी और कमजोरी जैसी परेशानियां होने लगती हैं।

सोशल मीडिया और दिखावे की होड़ 

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सोशल मीडिया पर परफेक्ट बॉडी की तस्वीरें देखकर महिलाएं खुद से तुलना करने लगती हैं। जब वे वैसी नहीं दिखतीं, तो खुद को कम समझने लगती हैं। इससे उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है और कई बार डिप्रेशन या तनाव जैसी परेशानियां भी होने लगती हैं। धीरे-धीरे यह उनकी सेहत और सोच दोनों पर बुरा असर डालता है।

सही सेहत को जानने की समझदारी 

महिलाओं को ये समझना होगा कि वे सच में अपनी सेहत के लिए मेहनत कर रही हैं या सिर्फ समाज और सोशल मीडिया के दबाव में आकर दिखावा कर रही हैं। सही जानकारी, डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह लेकर और खुद का सम्मान करते हुए अगर कोई हेल्थ रूटीन अपनाया जाए तो वह ही सही मायनों में फायदेमंद होता है। हमें ये जानना जरूरी है कि हेल्दी दिखना और असल में हेल्दी होना अलग-अलग बातें हैं।

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अंदरूनी सेहत और सुंदरता

सेहतमंद रहने की कोशिश अच्छी है, लेकिन जब ये ज़्यादा दबाव बनाने लगे और आपकी असली सेहत को नुकसान पहुंचाए, तो रुककर सोचने की जरूरत होती है। हर महिला को अपने शरीर की बात सुननी चाहिए, उसकी जरूरतों को समझना चाहिए और खुद से प्यार करना चाहिए। असली खूबसूरती और ताकत तो अंदर से ही आती है।

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