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Ideal Body के कारण कैसे महिलाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं?

महिलाओं को हमेशा ही एक आइडियल बॉडी बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है लेकिन आखिर में यह आइडियल बॉडी क्या होती है? असलियत में समाज में यह सब कुछ ब्यूटी स्टैंडर्ड के कारण हैं।

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Rajveer Kaur
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 Beauty Standards

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How The Concept Of Ideal Body Effects Women? महिलाओं को हमेशा ही एक आइडियल बॉडी बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है लेकिन आखिर में यह आइडियल बॉडी क्या होती है? असलियत में समाज में यह सब कुछ ब्यूटी स्टैंडर्ड के कारण हैं। हम सब ने ब्यूटी की एक परिभाषा बनाई हुई है और अगर कोई उसमें फिट नहीं बैठता है तो हमें लगता है कि वह सुंदर नहीं है या हेल्दी नहीं है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता है। आज हम जानेंगे कि कैसे आइडियल बॉडी के नाम पर महिलाओं को शोषण का सामना करना पड़ रहा है।

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Ideal Body के कारण कैसे महिलाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं?

जब भी सुंदरता की बात आती है तो उसके लिए आपका गोरा, पतला या फिर लंबा होना जरूरी हो जाता है। सबसे पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि हम सब यूनिक है। हमारी बॉडी और शेप अलग हो सकती है। हमारा मेटाबॉलिज्म अलग हो सकता है जिसके कारण हम हमारी हमारे डाइटरी नीड्स एक दूसरे से अलग हो सकती है। ऐसे में आइडियल बॉडी इन सभी लॉजिकल बातों को नकार देती है। 

अनरियलिस्टिक ब्यूटी स्टैंडर्ड 

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असल में आइडियल बॉडी एक ऐसा कांसेप्ट है जिसको अचीव करने की बात कही जाती है। इससे महिलाओं में बॉडी इमेज इश्यूज आते हैं। उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस खत्म हो जाता है। उन्हें खुद पर डाउट होने लग जाता है। उन्हें लगता है कि वह सुंदर नहीं है और उन्हें कोई भी पसंद नहीं करेगा।

डाइवर्सिटी का कांसेप्ट खत्म

इसके साथ ही डाइवर्सिटी का कांसेप्ट भी खत्म हो जाता है। हम सब महिलाओं को एक जैसा ही होने के लिए प्रेरित करते हैं जो कभी भी पॉसिबल नहीं हो सकता है। ऐसे में महिलाएं खुद को अच्छा दिखाने के लिए या इन स्टैंडर्ड के ऊपर खरा उतरने के लिए अलग-अलग प्रोडक्ट्स और तरीकों का इस्तेमाल करती हैं जिससे ब्रांड मोटी कमाई करते हैं। इसके बदले में महिलाओं को सिर्फ इनसिक्योरिटी ही हाथ लगती है। 

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शारीरिक और मानसिक समस्याएं

बहुत सारी महिलाएं इन ब्यूटी स्टैंडर्ड को पूरा करने के लिए  खाना-पीना छोड़ देते हैं या फिर बहुत ज्यादा वर्कआउट करने लग जाती हैं। इससे उनकी बॉडी पर बुरे प्रभाव पड़ने लग जाते हैं। उन्हें शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ मानसिक समस्याओं से भी जुझना पड़ता है।

खुद को स्वीकार और प्यार करने की जरूरत

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ऐसे में महिलाओं को खुद को स्वीकार करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें यह समझना चाहिए कि आइडियल बॉडी जैसा कुछ भी नहीं होता है। हम सब यूनिक हैं और हम सब सुंदर है। सुंदरता की कोई एक परिभाषा नहीं है। इसके मायने हर किसी के लिए अलग हो सकते हैं। अगर आप खुद को प्यार करेंगे तभी आप दूसरों से अपेक्षा कर सकते हैं कि वह आपको वैसे ही स्वीकार करें जैसे आप हैं। आइडियल बॉडी किसी के हेल्दी होने की निशानी नहीं है। हम सब अलग-अलग बॉडी, शेप और साइज में भी हेल्दी हो सकते हैं।

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