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Is the ‘perfect body type’ shown on social media harming your self-esteem? सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। इंस्टाग्राम, फेसबुक, स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हर दिन हम काफी तस्वीरें और वीडियोस देखते हैं। इनमें से ज्यादातर कंटेंट एक ‘परफेक्ट बॉडी टाइप’ को जैसे पतली कमर, टोंड मसल्स, ग्लोइंग स्किन और फिटनेस का एक खास पैमाना दर्शाया जाता है, यहां सवाल ये है कि क्या ये ‘परफेक्ट’ लुक्स वाकई में हकीकत होते हैं? क्या इनसे हमारी सेल्फ-इमेज और आत्म-सम्मान पर असर पड़ता है?
क्या सोशल मीडिया पर दिखने वाला ‘परफेक्ट बॉडी टाइप’ आपकी Self-Esteem को कर रहा है नुकसान?
परफेक्शन का भ्रम
सोशल मीडिया पर दिखने वाली तस्वीरें फिल्टर्ड और एडिट की गई होती हैं। सेलिब्रिटीज़ प्रोफेशनल मदद से खुद को आदर्श और आकर्षक रूप में पेश करते हैं। आम लोग जब इनसे तुलना करते हैं, तो खुद को कमतर समझने लगते हैं।
मानसिक दबाव
युवा और किशोर अक्सर इस प्रभाव के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। वे अपनी बॉडी को लेकर असुरक्षित महसूस करने लगते हैं, जिससे उनका आत्म-सम्मान प्रभावित होता है। कई बार इस दबाव में आकर वे अनहेल्दी डाइटिंग, अत्यधिक एक्सरसाइज या सर्जरी जैसी जोखिम भरी कोशिशें भी करने लगते हैं, ताकि उस 'परफेक्ट' लेकिन असल में भ्रमित करने वाले स्टैंडर्ड को पा सकें।
मानसिक स्वास्थ्य
शोधों में भी पाया गया है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग और बार-बार ‘परफेक्ट बॉडी’ वाली तस्वीरें देखना मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह anxiety, depression और body dysmorphia जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इतना ही नहीं, जब व्यक्ति अपनी असलियत को इन काल्पनिक छवियों से कमतर मानता है, तो उसका आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगता है।
समाधान
सोशल मीडिया पर दिखने वाले कंटेंट को आदर्श मानने के बजाय, उसे सिर्फ एक नजरिए के रूप में देखें। हर शरीर अलग और खास होता है। हमें अपने शरीर को स्वीकार कर उसकी देखभाल करनी चाहिए, न कि किसी काल्पनिक परफेक्शन के पीछे भागना चाहिए। ऐसे अकाउंट्स को फॉलो करें जो बॉडी पॉजिटिविटी और आत्म-स्वीकृति को बढ़ावा देते हों।