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Cleavage vs. Character: When clothes matter more than character, who decides a woman's worth?: आज भी हमारे समाज में औरत को उसके कपड़ों से आंका जाता है। वह क्या पहनती है, उसके कपड़े कितने खुले हैं या वह कितनी "संस्कारी" लगती है, इन बातों से ही लोग उसके चरित्र के बारे में राय बना लेते हैं। खासकर जब किसी औरत के कपड़ों में क्लीवेज दिख जाए, तो लोग तुरंत उसे जज करने लगते हैं। सवाल ये है कि जब कपड़े ही किसी औरत के किरदार से ज़्यादा मायने रखने लगें, तब उसकी असली कीमत कौन तय करता है, समाज, मीडिया या वह खुद?
Cleavage vs Character: जब कपड़े किरदार से भारी पड़ें, तो औरत की वैल्यू कौन तय करता है?
पहनावा एक अभिव्यक्ति या चुनौती?
किसी भी इंसान का पहनावा उसकी पहचान का हिस्सा होता है। जब पुरुष टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनते हैं, तो कोई सवाल नहीं उठता, लेकिन जब महिलाएं लो-नेक ड्रेस या स्लीवलेस टॉप पहनती हैं, तो उनकी "इज्ज़त" पर सवाल खड़ा हो जाता है। क्या कपड़ों से किसी की सोच और समझ पर असर पड़ता है? महिलाएं अक्सर मौसम, आराम या अपनी पसंद से कपड़े पहनती हैं, लेकिन समाज उनका फैशन "अच्छे" या "बुरे" चरित्र से जोड़ देता है। यह सोच बहुत सतही और दोहरी है, क्योंकि एक ही कपड़े में फिल्म की हीरोइन को ग्लैमरस और आम लड़की को बेहया कहा जाता है।
चरित्र
किसी इंसान का चरित्र उसके कपड़ों से नहीं, बल्कि उसके विचारों, व्यवहार और नीयत से जाना जाता है। एक औरत अगर आत्मविश्वास से अपनी पसंद के कपड़े पहनती है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह दूसरों का ध्यान आकर्षित करना चाहती है या उसके "संस्कार" कम हैं। चरित्र का निर्धारण बाहरी चीज़ों से नहीं, बल्कि उस व्यक्ति की सोच, संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और इंसानियत से होता है।
सोशल मीडिया और जजमेंट
टीवी, फिल्में और सोशल मीडिया ने भी इस सोच को हवा दी है। एक ही तरह के कपड़े जब किसी अभिनेत्री पर दिखते हैं तो वह ट्रेंड बन जाता है, लेकिन वही कपड़े अगर कोई आम महिला पहन ले, तो उसे ट्रोल किया जाता है। इस दोहरे मापदंड की वजह से कई महिलाएं अपने को लेकर खुद पर शक करने लगती हैं और इस सोच में पड़ जाती है कि कहीं वही तो कुछ गलत नहीं कर रहीं।
औरत की वैल्यू
समाज या कपड़े किसी भी औरत की वैल्यू तय नहीं करते हैं। एक औरत की पहचान और कीमत सिर्फ एक औरत ही तय करती है, अपने आत्मविश्वास, अपने काम और अपनी सोच से। किसी को यह हक नहीं है कि वह सिर्फ कपड़े देखकर किसी की गरिमा को मापे।