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Habit Of Oversharing: ओवरशेयरिंग की आदत को ऐसे करें कंट्रोल

ओवरशेयरिंग एक समस्या है जो हमें अत्यधिक अपने विचारों और भावनाओं को साझा करने पर ध्यान केंद्रित करती है। इससे हमारे संबंध और सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकते हैं, हम पूरी तरह से नहीं रोक सकते मगर कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते है आइये जानें कैसे।

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Niharikaa Sharma
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Image Credit- Freepik

How To Control Habit Of Oversharing: ओवरशेयरिंग की आदत सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं से आपके उपर हावी हो सकती है। एक ओर, व्यक्तिगत अनुभव और भावनाओं को शेयर करने से रिश्तों में संबंध, सहानुभूति और विश्वास को बढ़ावा मिल सकता है। यह लोगों को खुदको दूसरों के सामने अभिव्यक्त करने की अनुमति देता है और वे दूसरों से समझ और समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर जब कोई अपने जीवन के संघर्षों और कमजोरियों को दूसरों के सामने व्यक्त करता है, तो कई बार लोग इसे अलग तरीके से लेना शुरू कर देते हैं और उसे आपके खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको अपनी बाउंड्री का ध्यान रखना है, कि कौन सी बात आपको कब और किसके सामने बोलनी है और कौन सी बात आपको किसी से नहीं कहनी। ओवरशेयरिंग को हम पूरी तरह से नहीं रोक सकते मगर हम इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते है आइये जानें कैसे।

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ओवरशेयरिंग की आदत को ऐसे करें कंट्रोल

बोलने से पहले कुछ सेकंड सोचें

जब भी किसी से कोई बात कहें तो हमेशा अपने बोलने से पहले एक छोटी सोच की अवधि यानी 2 सेकंड्स का समय लेना चाहिए ताकि आप सामने वाले को उसकी आवश्यकता के हिसाब से ही बातें सुनाएं। इस बात को ध्यान में रखें हर व्यक्ति आपका भला नही सोचता अगर आप अनजाने में कुछ भी कह जातें हैं तो बाद में पछतावा हो सकता है। इसलिए जरूरी है हमेशा कुछ भी बोलने से पहले एक छोटा पॉज लेना।

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एक्टिव लिसनिंग स्किल्स

अगर आप में लोगों की बात सुनने और समझने का हुनर नही है तो इस बात से पता चलता है कि आप ओवरशेयरिंग करती हैं। बेहतर तरीके से कम्युनिकेट करने के लिए जरूरी है आप एक्टिव लिसनिंग स्किल्स डेवलप करें, इससे आप दूसरों के विचारों को समझने में सक्षम होते हैं और उनके साथ सही रिश्ते बना सकती हैं। हमेशा ज़रूरत पड़ने पर ही बोले और दूसरो की बातें ज्यादा सुनें।

लोगों से उनके बारे में भी पूछे

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अक्सर ओवर शेयरिंग करने वाले लोगों को सामने वाले के बारे में कुछ भी पता नही होता है और वो अपने बारे में सारी जानकारी दे देते हैं। अगर आप को ये आदत है तो इसे बदले और दूसरों के बारे में भी जानें, यह हमें दूसरों की समझने में मदद करेगा और हमारे रिश्तों को मजबूती से बनाए रखेगा। इससे हम उन्हें अपना समर्थन और सहारा भी देते हैं, जो उन्हें हमारी परवाह और समझने की भावना दिखाता है।

बाउंड्री बनाएं रखना

हमेशा खुद की लाइफ से जुड़ी बातें या खुद की पर्सनल बातों को लेकर एक बाउंड्री बनाएं रखना जरूरी होता है। एक बाउंड्री सेट करने से हम अपने स्वास्थ्य (स्ट्रेस फ्री) और भावनात्मक विकास को महत्व देते हैं, साथ ही दूसरों को भी हमारे सीमाओं का सम्मान करने का संदेश मिलता है। इससे हमारे रिश्ते स्वस्थ और स्थिर बनते हैं, जो हमारे जीवन में खुशियों और सफलता का माध्यम बन सकते हैं।

इमोशंस और सोशल मीडिया

जब हम इमोशनल होते हैं, तो हमारी निर्णयक्षमता कम हो जाती है और हम अक्सर सोशल मीडिया पर अत्यधिक पोस्ट शेयर कर देते हैं। फिर लोग पूछते है इस बारे में और दो से तीन बार पूछने पर ही आप अपनी भावनाओं को सोशल मीडिया पर मौजूद लोगों के साथ बाट देते हैं ऐसे में वो लोग इसका फायदा उठा सकते हैं और आपकी बातों को दूसरे लोगों से साझा कर सकते हैं। जितना हो सके सोशल मीडिया पर अपने इमोशंस शेयर करने से बचना चाहिए।

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