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Photograph: (freepik)
Schools Should Teach Girls To Be Body Positive And Love Themselves: आज की दुनिया में जहां सोशल मीडिया और बाहरी दिखावा बहुत तेजी से लगातार बढ़ता चला जा रहा है, वहां आज के समय लड़कियों को बॉडी पॉजिटिविटी और सेल्फ-लव को समझना और उसे अपनाना बेहद जरूरी हो गया है। अक्सर लड़कियां अपने शरीर को लेकर संकोच, शर्म या हीन भावना महसूस करने लगती हैं, और इसका असर सीधा उनके आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में स्कूलों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण बन जाती है। आइए जानें स्कूलों में कैसे लड़कियों को अपने शरीर के प्रति सकारात्मक सोच और खुद से प्यार करना सिखाना जरूरी है।
स्कूलों में लड़कियों को बॉडी पॉजिटिव और खुद से प्यार करना सिखाना चाहिए
1. शारीरिक बदलाव को सामान्य बताना
स्कूलों में लड़कियों को यह सिखाना चाहिए कि हर शरीर अलग होता है जैसे, कोई लंबा, कोई छोटा, कोई पतला या फिर कोई मोटा होता है। इन बदलावों को सामान्य मानकर और इसे स्वीकार करना जरूरी है। क्लासरूम में शरीर से जुड़े इन रूढ़िवादी विचारों को तोड़ना जरूरी है।
2. बॉडी इमेज को लेकर वर्कशॉप्स और सेशन्स करना
स्कूलों को बॉडी पॉजिटिविटी पर आधारित वर्कशॉप्स, काउंसलिंग सेशन्स या ओपन डिस्कशन आयोजित किए जाने चाहिए जहां लड़कियां खुलकर बात कर सकें, अपने विचारों को बिना शर्म के कह सकें और विशेषज्ञ उन्हें इससे जुड़ी सही जानकारी दे सकें।
3. अच्छे रोल मॉडल्स का उदाहरण देना
स्कूलों को यह जरूर करना चाहिए कि वे ऐसे रोल मॉडल्स को सामने लाएं जिन्होंने बॉडी शेमिंग के बावजूद खुद से प्यार करना सीखा है और समाज में एक मिसाल बने हैं। इससे लड़कियां प्रेरणा लेकर खुद को स्वीकार करना सीखेंगी।
4. सोशल मीडिया के बारे में सिखाना
आजकल लड़कियां सोशल मीडिया पर ग्लैमर और झूठे दिखावों से जल्दी प्रभावित होती हैं। इसलिए स्कूलों को उन्हें इन सभी के बारे में समझाना चाहिए कि अधिकतर तस्वीरें फिल्टर्ड, एडिटेड और फेक होती हैं। उन्हें यह सिखाना बहुत जरूरी है कि किसी और से खुद की तुलना उनके आत्मविश्वास को नष्ट कर सकती हैं।
5. खुद को सराहने की आदत डालना
स्कूलों में ऐसे एक्टिविटी की पहल शामिल की जानी चाहिए, जिसमें लड़कियों को रोज़ अपने बारे में कुछ सकारात्मक बोलने या लिखने को कहा जाए। इस पहल से लड़कियों के अंदर आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलता है।
6. टीचर्स और स्टाफ की ट्रेनिंग कराना
स्कूलों में बॉडी पॉजिटिव माहौल बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि शिक्षक भी बच्चों से बात करते समय सही भाषा का इस्तेमाल करें। किसी की भी लंबाई, रंग या वजन का मज़ाक न उड़ाया जाए और न ही किसी भी तरह की तुलना की जाए।