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These 5 Symptoms Can Appear In Hormonal Changes : किसी स्त्री या पुरुष दोनों के हार्मोन शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनसे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर होता है। ये हार्मोन शरीर में अनेकों कार्यों को नियंत्रित करते हैं जैसे कि मेटाबोलिज़्म, दिमाग के कार्य, प्रजनन क्षमता, और शरीर में अलग अलग क्रियाओं को संतुलित करना। जब हार्मोन में परिवर्तन होता है, तो यह शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते है। कई बार शरीर में होने वाले कुछ बदलाव इसी का परिणाम होते है। हार्मोनल चेंजस अक्सर महिलाओं में प्रेग्नेंसी, पीरियड्स, और मेनोपॉज के समय देखे जाते हैं, लेकिन यह पुरुषों में भी हो सकते हैं, विशेषकर उम्र बढ़ने के साथ। इस आर्टिकल में जानेंगे हार्मोनल चेंजेस के कारण क्या लक्षण दिख सकते है।
हार्मोन में बदलाव होने पर दिख सकते है ये 5 लक्षण
1. मूड स्विंग्स
हार्मोनल इंबैलेंस का सबसे सामान्य लक्षण मूड स्विंग्स होता है। महिला हार्मोन, जैसे कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, में बदलाव के कारण भावनाओं में बदलाव देखा जा सकता है। प्रेग्नेंसी, पीरियड्स और मेनोपॉज के दौरान इन हार्मोन का लेवल बदलता है, जिसके कारण चिड़चिड़ापन, उदासी, घबराहट या खुशी जैसे इमोशंस अचानक से आ जाते है और मूड स्विंग्स होने लगते हैं।
2. नींद की समस्याएँ
कई बार हम सोने की कोशिश करते है पर हमारी कोशिश नाकाम रहती है। ऐसा हार्मोनल असंतुलन के कारण भी हो सकता है। ये नींद के पैटर्न को प्रभावित कर सकता है। विशेष रूप से, जब महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव होता है, तो यह नींद की क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है। महिलाएं अक्सर मेनोपॉज के समय गर्मी, पसीना, और रात को जागने की समस्याएं महसूस करती हैं, जिनका कारण हार्मोनल बदलाव होते हैं।
3. वजन बढ़ना या घटना
हार्मोनल इंबैलेंस शरीर के मेटाबोलिज़्म को प्रभावित करता है, जिसके कारण वजन में बदलाव हो सकता है। जैसे-जैसे थायरॉयड हार्मोन का स्तर असंतुलित होता है, शरीर की ऊर्जा की खपत और फैट जमा करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है।हाइपरथायरायडिज़्म के कारण वजन घट सकता है, जबकि कम थायरॉयड के कारण वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, महिलाओं में प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के वक्त हार्मोनल चेंजेस होते है। जिसके कारण भी वजन बढ़ सकता है।
4. त्वचा पर बदलाव
हार्मोनल इंबैलेंस त्वचा पर भी प्रभाव डालता है। खासकर महिलाओं में प्रेग्नेंसी, पीरियड्स और मेनोपॉज के कारण स्किन में कई परिवर्तन देखने को मिलते है। प्रेग्नेंसी में बढ़े हुए हार्मोन के कारण पिग्मेंटेशन या मुँहासे की समस्या हो सकती है। मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में कमी के कारण त्वचा पतली और ड्राई हो सकती है। कई महिलाओं के पीएमएस के कारण मुंहासे होने लगते है।
5. शरीर में थकान
हार्मोनल चेंजेस के कारण थकान एक सामान्य लक्षण हो सकता है। यदि आपके शरीर में हार्मोन का स्तर असंतुलित है, तो इसका असर आपकी एनर्जी लेवल पर पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, थायरॉयड की समस्या के कारण शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है, जिससे ज्यादा थकान महसूस होती है। महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण भी थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।