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Tips To Manage Expectation(Image Credit: Freepik)
Expectations: अपेक्षाओं से संसार चलता है।इस बात में कोई शक नहीं है। इस कारण ही हम लाइफ में कुछ भी कर पाते हैं। बात यह है कि हमें पता होना चाहिए कि हमें किस तरीके की अपेक्षा करनी चाहिए और किससे और कब करनी चाहिए। अगर हम फिजूल की अपेक्षाएं करेंगे इससे हमारा ही नुकसान होगा। किसी भी रिश्ते में जब आप अपेक्षाओं के बारे में बात करते हैं तब आप आपको इस बात का अंदाजा हो जाता है कि कौन सी अपेक्षाएं आपकी उस व्यक्ति से पूरी हो सकती हैं। इसलिए आज हम जानेंगे कि अपनी अपेक्षाओं को कैसे मैनेज किया जा सकता है-
Expectation: अपेक्षाओं को मैनेज करने के लिए इन टिप्स का करें इस्तेमाल
अपनी अपेक्षाओं को समझें
जैसे हम खुद होते हैं , वहीं हम दूसरों से चाहते हैं। इसलिए अपनी अपेक्षाओं के बारे में जानना और समझना बहुत जरूरी है। हर किसी की लर्निंग, माइंडसेट और सोच अलग हो सकती है। इसलिए अपनी अपेक्षाओं को दूसरों की अपेक्षाओं के साथ मत जोड़े। इससे रिश्ते में अनबन और दरार पैदा हो सकती है। इस बात की समझ रखें कि आप किस व्यक्ति से कैसी अपेक्षा रख सकते हैं।
अपेक्षाएं सिर्फ आपके बारे में है?
ऐसा मत सोचे कि सामने वाले को आपकी अपेक्षाओं के बारे में पता है। यह चीज बहुत ज्यादा दर्द देती है, जब हम मन में सोच लेते हैं कि सामने वाला व्यक्ति जानता है कि हमें क्या चाहिए। अस्ल में उसे नहीं पता होता। हम बातचीत करने की बजाय उससे अपेक्षा करते जाते हैं और जब वह पूरी नहीं होती तब हमारा दिल दुखता है। इसलिए पहले से दिमाग में मत सोचिए की सामने वाला व्यक्ति जानता है कि आपको उनसे क्या चाहिए।
अपेक्षा में असलियत होनी चाहिए
सामने वाली व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा मत रखें कि जो वह पूरा न कर सके। अपेक्षा रखते समय सोचिए कि आप क्या कर सकते हैं और सामने वाला व्यक्ति क्या कर सकता है। इसके बाद इन दोनों को मिलाकर आप अपेक्षाएं रख सकते हैं। अगर आप ऐसी अपेक्षाएं रखेंगे जो सामने वाला व्यक्ति पूरा न कर सके तो फिर आपको उसके पूरा होने की उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि यहां पर गलती आप कर रहे हैं। सामने वाले व्यक्ति का कोई दोष नहीं है।
हमारी अपेक्षाएं दूसरों पर निर्भर होती हैं
यहां पर एक बात समझने वाली है की अपेक्षाएं हम करते हैं लेकिन उनका पूरा होना उसे व्यक्ति पर निर्भर करता है जिससे आप अपेक्षा कर रहे हैं। इसलिए जब आपकी अपेक्षाएं पूरी नहीं होती है तो बिल्कुल भी उसे दिल पर मत ले क्योंकि यह सामने वाले व्यक्ति की वैल्यू और कैपेसिटी पर निर्भर करता है कि वह आपकी अपेक्षा पूरी कर सकता था कि नहीं। अगर नहीं होता है तो बुरा मत मानिए या किसी को डिजरिस्पेक्ट मत कीजिए।
दिमाग में रखें कि हमेशा अपेक्षाएं पूरी नहीं होगी
जैसे हमने पहले भी बात की है की अपेक्षाएं पूरी होना या ना होना सामने वाले पर निर्भर करता है। यह बात दुख तो बहुत देती है कि जब हमारी अपेक्षाएं पूरी नहीं होती लेकिन खुद को संभालना सीखिए। जरूरी नहीं है, हर बार आप जिससे जो भी अपेक्षा रखेंगे वह पूरी होगी। इसके लिए आप मेडिटेशन, जर्नलिंग या फिर ब्रेथ वर्क पर फोकस कीजिए।