what are the symptoms and condition of perimenopause: पेरिमेनोपॉज़ (Perimenopause) एक महिला के जीवन में वह समय होता है जब उसके शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो मेनोपॉज़ (Menopause) के पूर्व संकेत होता है। यह आमतौर पर 40 और 50 के बीच की आयु में होता है। इस समय, महिलाओं के हार्मोन लेवल में बदलाव होता है, जिसके कारण उन्हें अधिक गर्मी, नींद की समस्याएँ, मूड स्विंग्स और इर्रेगुलर पीरियड्स जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह समय मेनोपॉज़ के आसपास होता है, जब महिलाओं के पीरियड्स बंद हो जाते हैं।
Perimenopause में महिलाओं को क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
1. इर्रेगुलर पीरियड्स
यह एक सामान्य लक्षण होता है क्योंकि महिलाओं के गर्भाशय की कार्यक्षमता और हार्मोनल स्तर में परिवर्तन होने लगता है। इसका मतलब है कि पीरियड के आने में गड़बड़ी हो सकती है, जैसे अधिक या कम दिनों के लिए आना। यह एक नार्मल प्रक्रिया जो महिलाओं के जीवन में होती है।
2. अधिक गर्मी लगना
इसे "हॉट फ्लैशेस" कहा जाता है, जो आमतौर पर अचानक तेजी से आते-जाते गर्मी के लक्षण होते हैं। ये गर्मी के झूलसे महसूस होते हैं, जिनमें चेहरे और शरीर का भाग लाल हो जाता है और पसीना आने लगता है। इसके अलावा, गर्मी के झूलसे के साथ-साथ उन्हें अचानक से ठंढ लगने की भी अनुभूति हो सकती है।
3. मूड स्विंग होना
हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, महिलाओं के मूड में अचानक परिवर्तन हो सकता है, जैसे कि उदासी, चिढ़चिढ़ापन या अघिक ख़ुशी। यह मूड स्विंग्स अधिकतर होते हैं क्योंकि हार्मोनल स्तरों में हरकते होती है, जो इस समय में होना नार्मल होता है। महिलाएं इसे मैनेज करने के लिए ध्यान,एक्सरसाइज, संतुलित आहार, और डॉक्टरी सलाह ले सकती हैं।
4. चक्कर आना
हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, इन चक्करों का अनुभव हो सकता है जो आमतौर पर आसपास का दिशा बदलने या तेज चलने के कारण होता है। ये चक्कर सामान्य रूप से गर्मी लगने के साथ आते हैं।
5. ब्रेस्ट से जुड़ी समस्या
इस दौरान कुछ महिलाओं को ब्रैस्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं जैसे ब्रैस्ट में दर्द या सूजन का अनुभव हो सकता है या ब्रैस्ट साइज में परिवर्तन होना।प्रेमेनोपॉज़ के दौरान कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट में गांठें भी हो सकती हैं।
6. सोने में समस्या
हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, महिलाओं के नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। कुछ महिलाओं को सोने की समस्याएं शामिल हो सकती हैं जैसे कि अनिद्रा, नींद की अधिकता या नींद के दौरान मुश्किलें होना। यह समस्याएं आमतौर पर स्त्रीयों के अधिक उम्र के साथ बढ़ती हैं।
7. वजन बढ़ना
पेरिमेनोपॉज़ के दौरान कुछ महिलाओं का वजन बढ़ सकता है। हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, महिलाओं का बॉडी कंपोजीशन बदल सकता है और उनकी मेटाबोलिज्म में भी परिवर्तन हो सकता है। अत्यधिक थकान, नींद की कमी और व्यायाम की कमी भी इस प्रक्रिया में योगदान कर सकती हैं। साथ ही, कुछ महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण भोजन के प्रति लालच बढ़ सकता है, जिससे वे अधिक खाती हैं और इससे वजन बढ़ सकता है।
8. योनि में समस्या
पेरिमेनोपॉज़ के दौरान योनि में सूखापन (वागिनल ड्राईनेस) हो सकता है, जिसके कारण योनि में खुजली, जलन आदि का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण सेक्स के दौरान भी अधिक दर्द का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, हार्मोनल बदलाव और थकान के कारण सेक्स की इच्छा (लिबीडो) में कमी भी हो सकती है
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