Signs Of Late Periods: मासिक धर्म होना महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों का प्रतीक है और स्त्री के शारीरिक प्रक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मासिक धर्म का सही और समय पर होना आवश्यक है ताकि शारीरिक स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न हो। मासिक धर्म के नियमित होने से महिलाएं आमतौर पर स्वस्थ रहती हैं। नियमित मासिक धर्म अनियमितता, थकान, तनाव, और शारीरिक समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। लेकिन अगर किसी महिला को पीरियड्स के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन पीरियड्स नहीं आते हैं, तो इसके कई कारण हो सकते हैं।
पीरियड्स के लक्षण होने पर भी हो रही देरी, जानें इसके पीछे के कारण
1. PCOS (पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम)
पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) एक सामान्य कारण हो सकता है जिससे पीरियड्स का अनियमित होना या पीरियड्स का न आना हो सकता है। PCOS में अंडाशय में असंतुलन होता है जो हार्मोनल विकार को प्रेरित करता है, जिससे अधिक एंड्रोजन उत्पन्न होता है। यह अनियमित पीरियड्स, ओव्यूलेशन की समस्या, और गर्भाधान के संभावित अवसाद के साथ जुड़ा हो सकता है। PCOS के इलाज में आहार, व्यायाम, और दवाइयों का सहारा लिया जाता है।
2. थाइरोइड
थाइरोइड हॉर्मोन्स जैसे कि हाइपोथायरायडिज़म या हाइपरथायरायडिज़म, पीरियड्स को प्रभावित कर सकता है। इस स्थिति में, हॉर्मोन का स्तर अधिक कम हो जाता है, जिससे पीरियड्स के नियमित आने में देरी हो सकती है या उनका बंद हो जाना संभव है।
3. शारीरिक तनाव
उच्च तनाव, मानसिक या शारीरिक कोई भी पीरियड्स को असमान कर सकता है। शारीरिक तनाव के होने से पीरियड्स पर प्रभाव पड़ सकता है। तनाव के कारण हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं, जो पीरियड्स की नियमितता को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, तनाव के संघर्ष के दौरान शरीर अधिक एक्सिटोटिक हार्मोन्स, जैसे कि कॉर्टिसोल, उत्पन्न कर सकता है, जो पीरियड्स के प्रकोप को बढ़ा सकते हैं।
4. वजन
अत्यधिक वजन घटाव या बढ़ाव भी पीरियड्स को प्रभावित कर सकता है। यह हार्मोन्स पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकता है, जिससे पीरियड्स के समय उसकी समय सीमा परिवर्तित हो सकती है। वजन के बढ़ने या घटने से शरीर की फैट टिस्यू के साथ हार्मोनल स्तरों में परिवर्तन हो सकते हैं, जो पीरियड्स की नियमिता को प्रभावित कर सकते हैं।
5. पोषण में कमी
पोषण की कमी से पीरियड्स पर प्रभाव पड़ सकता है। पोषण की कमी के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है और शारीरिक संचालनों में बदलाव आ सकता है, जिससे पीरियड्स की नियमिता पर प्रभाव पड़ सकता है। अगर पोषण में कमी है, तो शारीरिक स्तर पर हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ सकता है और इससे पीरियड्स के समय परिवर्तन हो सकता है। यह अधिकतर लड़कियों और महिलाओं में देखा जा सकता है जो पोषक तत्वों या कैलोरीज़ की कमी के कारण अत्यधिक व्यायाम करती हैं या अनियमित खानपान करती हैं।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।