Why Do Women Gain Weight After Marriage : शादी हर लड़की का एक हसीन सपना होता है जिसे वो बचपन से ही देखना शुरू कर देती है। हर लड़की सोचती है कि वह एक परी है और एक राजकुमार घोड़े पर उसे लेने के लिए आएगा।अपनी शादी की प्लानिंग हर लड़की अपने बचपन से ही शुरू कर देती है और शादी के दिन तक यह प्लानिंग चलती है। हमने अक्सर देखा है कि पहले तो लड़कियाँ काफ़ी फिट रहतीं हैं लेकिन शादी के बाद अक्सर इनका वेट काफ़ी गेन हो जाता है।
शादी के बाद क्यों लड़कियों का वेट होता है गेन
छोटी सी जान पर बड़ी ज़िम्मेदारियाँ
लड़की की शादी होते ही उससे यह एक्स्पेक्ट किया जाता है कि वह जाते ही ससुराल का सारा काम सम्भाल ले। एकदम से इतनी ज़िम्मेदारियों का बोझ उनकी लाइफ पूरी तरह से चेंज कर देता है। खाने का टाइम फ़ैमिली के टाइम के साथ सिंक हो जाता है और अपने लिए टाइम निकालना बहुत ही मुश्किल।
हो जाता है हार्मोनल इम्बैलेंस
शादी के बाद जब लड़कियाँ ससुराल में अपनी बात खुलकर नहीं कह पातीं और सब लोग उन्हें अपने हिसाब से कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं तो उनका स्वभाव चिड़चिड़ा और ग़ुस्से वाला भी हो सकता है। वे ओवर थिंकिंग करने लगतीं हैं और उनका हार्मोनल इम्बैलेंस होना पॉसिबल है। मेनली हार्मोनल इम्बैलेंस होने से लड़कियों का ज़्यादा वेट गेन होने लगता है।
वर्कआउट नहीं कर पाना
शादी के बाद घर के कामों से फुर्सत निकालना लगभग नामुमकिन हो जाता है। ख़ुद के लिए फ़ुरसत के दो पल निकाल पाना ही लड़कियों के लिए मुश्किल का सबब बन जाता है तो वर्कआउट करने के तरफ़ तो उनका ध्यान ही नहीं जा पाता। पति, बच्चे, बुजुर्ग सबका ध्यान रखते-रखते वे अपना ध्यान रखना भूल ही जातीं हैं।
खाने की आदतों में बदलाव
शादी के बाद लड़कियाँ अक्सर अपने पति के साथ खाना शेयर करतीं है और अपनी भूख का एहसास भूल कर ज़्यादा ख़ाना खा बैठतीं हैं। इसके इलावा खाने की वेस्टेज को कम करने के लिए पति या बच्चों का छोड़ा हुआ ख़ाना भी ख़ुद खा लेतीं हैं। ऐसीं अन्हेल्थी खाने की आदतें अपना लेने से उनका वेट गेन होता ही है।
सोसाइटी की बातें
जब बहू पतली होती है तो लोग बोलते हैं कि क्या बात है, कुछ खाती पीती नहीं हो क्या। जब थोड़ी मोटी हो जाएगी तो लोग कहेंगे कि इतनी मोटी है, घर का काम ख़ुद नहीं करती क्या। वर्कआउट भी करेगी तो लोग बोल ही देते हैं कि हमें तो कभी ज़रूरत नहीं पड़ीएक्सरसाइज कि, हम तो काम ही इतना करते थे। ऐसीं बातें लड़कियों को हमेशा कंफ्यूज रखतीं हैं।
याद रखें कि यह शरीर आपका है और आप ही को इसका ध्यान रखना होगा। जब कभी आप बीमार होंगी तो आपका ध्यान रखने वालाकोई नहीं होगा इसलिए लोगों की परवाह किए बिना यह तैय करें कि आपके लिए क्या सही है। अपनी ज़िंदगी को अपने हिसाब से प्राइरिटाइज़ करें।