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Why Isn’t Managing a Home Considered Work? The Overlooked Efforts Behind the ‘Housewife’ Tag: हमारे समाज में अक्सर एक महिला के काम को उसके बाहर काम करने से आंका जाता है। अगर कोई महिला ऑफिस जाती है, सैलरी कमाती है, तो उसे "वर्किंग वुमन" का दर्जा दिया जाता है, जबकि जो महिला घर संभालती है, उसे केवल 'हाउसवाइफ' कहकर उसकी सारी मेहनत को नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन क्या घर संभालना वास्तव में इतना आसान है? क्या यह भी कड़ी मेहनत का हिस्सा नहीं है?
Housewife vs. Working Woman: घर संभालना काम क्यों नहीं माना जाता? ‘हाउसवाइफ’ टैग की अनदेखी मेहनत
घर संभालने की जिम्मेदारी
घर पर रहने वाली महिलाएं दिन की शुरुआत सबसे पहले करती हैं, चाय बनाना, बच्चों का टिफिन तैयार करना, पति के ऑफिस के लिए बैग, कपड़े और नाश्ता संभालना। इसके बाद घर की सफाई, कपड़े धोना, खाना बनाना, बर्तन, बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों की देखभाल जैसे काम पूरे दिन चलते रहते हैं। इन जिम्मेदारियों का न तो कोई निश्चित समय होता है, न ही छुट्टी और न ही इसके बदले कोई वेतन मिलता है। इसके बावजूद, समाज इन्हें "काम" के रूप में स्वीकार नहीं करता।
बाहर जाना ही काम?
आज भी हमारे समाज में यह धारणा है कि सिर्फ बाहर जाकर पैसा कमाना ही असली काम है। घर संभालने वाली महिलाओं को, जो बिना तनख्वाह के घर चला रही हैं, अक्सर यह सुनना पड़ता है कि वो तो बस घर में बैठी रहती हैं। जबकि हकीकत यह है कि उनके बिना घर की दिनचर्या ही नहीं चल सकती।
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता का मतलब केवल आर्थिक स्वतंत्रता नहीं है। घर संभालना, बच्चों की देखभाल, समय पर खाना देना और घर को व्यवस्थित रखना भी आत्मनिर्भरता का ही एक रूप है। घरेलू महिलाएं एक साथ कई भूमिकाएं निभाती हैं, मां, टीचर, रसोइया, डॉक्टर और मैनेजर, वो भी बिना किसी छुट्टी के।
समाज और सोच
आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, फिर भी जो महिलाएं घर पर रहकर काम करती हैं, उन्हें कम क्यों आंका जाता है? उनकी भूमिका को सम्मान क्यों नहीं मिलता? जब घर में कोई समस्या आती है, तो सबसे पहले वही महिला उसे सुलझाती है। फिर भी उनकी मेहनत को क्यों नजरअंदाज किया जाता है?
हाउसवाइफ एक सम्माननीय टैग
समाज को यह समझने की ज़रूरत है कि ‘हाउसवाइफ’ कोई मामूली पहचान नहीं है। यह एक ऐसा जिम्मेदारी भरा रोल है, जिसमें अनुशासन, धैर्य, समझ और भरपूर मेहनत की ज़रूरत होती है। अगर घरेलू महिला एक दिन भी अपना काम न करे, तो पूरे घर की व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसलिए उनकी मेहनत को समझना, सराहना और सम्मान देना बहुत जरूरी है।