जिस तरह पीरियड्स पर बात करना वर्जित माना जाता है, वैसे ही मेनोपॉज़ पर भी खुलकर चर्चा नहीं की जाती। लेकिन सवाल यह हैं कि आख़िर क्यों? आइए जानें मेनोपॉज़ से जुड़ी आज भी लोगों की मानसिकता के बारे में।
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