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Can Plant Protein Help with Bloating: 40 के दशक में बार-बार पेट फूलना (Bloating) बहुत ही कष्टप्रद हो सकता है। इस उम्र में मेटाबॉलिज्म (Metabolism) की धीमी गति, हार्मोनल बदलाव, खान-पान की आदतें और जीवनशैली में बदलाव इसके प्रमुख कारण होते हैं। अगर हम इनके कारणों को समझें और प्लांट प्रोटीन (Plant Protein) की भूमिका को अपनाएं, तो इस समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है और हम अपनी सेहत बेहतर रख सकते हैं।
क्या 40 की उम्र में बार-बार पेट फूलना होता है? जानिए प्लांट प्रोटीन से राहत पाने के तरीके
40 की उम्र में पेट फूलने के सामान्य कारण
धीमा मेटाबॉलिज्म: उम्र बढ़ने के साथ मेटाबॉलिज्म की रफ्तार धीमी हो जाती है। इससे भोजन पाचन में ज्यादा समय लगता है, जिससे गैस बनती है और पेट फूलने की समस्या होती है।
हार्मोनल बदलाव: महिलाओं में मेनोपॉज (Menopause) के करीब हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) में बदलाव होते हैं, जो पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं और तरल पदार्थ जमा कर पेट फूलने का कारण बनते हैं।
खान-पान की आदतें: ज्यादा प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड शुगर, और डेयरी उत्पादों का सेवन पेट फूलने को बढ़ा सकता है। उम्र बढ़ने के साथ कुछ लोगों को ग्लूटेन (Gluten) या लैक्टोज (Lactose) से भी एलर्जी हो सकती है।
तनाव और जीवनशैली: ज्यादा तनाव और शारीरिक सक्रियता की कमी पाचन प्रणाली को कमजोर कर सकती है, जिससे गैस और पेट फूलना होता है।
पाचन संबंधी बीमारियां: IBS, SIBO, GERD जैसी पाचन समस्याएं इस उम्र में ज्यादा आम हो जाती हैं, जो लगातार पेट फूलने का कारण बन सकती हैं।
प्लांट प्रोटीन से कैसे मिले राहत?
डॉ. सुदेष्णा रे (Medical Director, Gytree) के अनुसार, “डाइट में प्लांट प्रोटीन को शामिल करना पेट फूलने से लड़ने और पाचन स्वास्थ्य को सुधारने का एक बेहतरीन तरीका है।”
पाचन में आसानी: दालें, क्विनोआ, मेवे और नट्स जैसे प्लांट प्रोटीन आमतौर पर एनिमल प्रोटीन की तुलना में आसानी से पच जाते हैं और गैस या पेट फूलने की संभावना कम होती है।
फाइबर से भरपूर: प्लांट प्रोटीन के स्रोत फाइबर में भी अच्छे होते हैं, जो कब्ज़ से बचाते हैं और पाचन को नियमित करते हैं। यह स्वस्थ गट माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करता है।
सूजन कम करना: प्लांट प्रोटीन में एंटी-इन्फ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण होते हैं, जो आंतों की सूजन को कम कर पेट फूलने और अन्य पाचन समस्याओं से राहत देते हैं।
गट फ्लोरा का संतुलन: प्लांट प्रोटीन से भरपूर डाइट से आंतों में बैक्टीरिया का सही संतुलन बना रहता है, जो बेहतर पाचन और गैस की समस्या को रोकने में सहायक है।
हाइड्रेशन और तृप्ति: प्लांट फूड्स में पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन बेहतर होता है और ओवरईटिंग से बचाव होता है, जो पेट फूलने को कम करता है।
प्लांट प्रोटीन को अपनी डाइट में शामिल करने के टिप्स
धीरे-धीरे शुरुआत करें: अगर प्लांट प्रोटीन आपकी डाइट का हिस्सा नहीं है, तो धीरे-धीरे शुरुआत करें ताकि पाचन तंत्र उसे स्वीकार कर सके।
विविधता अपनाएं: दालें, क्विनोआ, टोफू, नट्स, और बीजों को अपनी डाइट में शामिल करें ताकि सभी आवश्यक अमीनो एसिड और पोषक तत्व मिल सकें।
सही तैयारी करें: दालों और बीन्स को अच्छे से भिगोकर पकाएं ताकि गैस पैदा करने वाले तत्व कम हों। अनाज और दालों को किण्वित (fermented) या अंकुरित (sprouted) करना भी पाचन में मदद करता है।
पर्याप्त पानी पिएं: दिनभर में खूब पानी पीना जरूरी है जिससे पाचन बेहतर हो और कब्ज़ न हो।
ध्यान से खाएं: भोजन धीरे-धीरे और अच्छे से चबाकर खाने से पेट में हवा कम जाती है और पेट फूलने की समस्या कम होती है।
विशेषज्ञ की राय
“40 की उम्र में पेट फूलना शारीरिक और जीवनशैली के बदलावों का मिश्रण होता है,” कहती हैं Gytree की न्यूट्रिशनिस्ट चाहत वसदेव। “प्लांट प्रोटीन को डाइट में शामिल करना पाचन स्वास्थ्य सुधारने और पेट फूलने से राहत पाने का एक प्रभावी तरीका है।”
अगर आप 40 के बाद बार-बार पेट फूलने से परेशान हैं, तो इसके कारणों को समझना और अपनी डाइट में प्लांट प्रोटीन को शामिल करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। संतुलित खान-पान, नियमित व्यायाम, और सही जीवनशैली के साथ यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
Gytree जैसे हेल्थ प्लेटफॉर्म से मदद लेकर आप अपनी सेहत का बेहतर ख्याल रख सकते हैं।