मेनोपॉज और मसल लॉस? जानें क्या है कनेक्शन

जब महिलाएं मेनोपॉज में प्रवेश करती हैं, तो उन्हें एस्ट्रोजन में प्राकृतिक गिरावट का अनुभव होता है। मेनोपॉज के दौरान मांसपेशियों के नुकसान से निपटने के लिए उचित पोषण, व्यायाम और हार्मोनल सहायता के संयोजन की आवश्यकता होती है।

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Gytree Meno Club
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40 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई बड़े बदलाव होते हैं। मेनोपॉज एक ऐसा समय होता है जब न सिर्फ पीरियड्स रुकते हैं, बल्कि शरीर के अंदर हार्मोनल बदलाव भी काफी तेज़ी से होते हैं। इन बदलावों का सीधा असर मांसपेशियों यानी मसल्स पर पड़ता है।

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मेनोपॉज और मसल लॉस: क्या है कनेक्शन?

जैसे-जैसे एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरता है, शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। एस्ट्रोजन सिर्फ रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए ही नहीं, बल्कि मसल और बोन हेल्थ के लिए भी ज़रूरी है।

डॉ. सुदेशना रे के अनुसार, "मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत पर असर डालते हैं, इसलिए महिलाओं को इन बदलावों के प्रति सजग रहना चाहिए।"

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क्या प्रोटीन से मसल लॉस को रोका जा सकता है?

बिलकुल। मेनोपॉज के दौरान मांसपेशियों को बनाए रखने के लिए हाई प्रोटीन डाइट बेहद ज़रूरी है। प्रोटीन मसल रिपेयर और ग्रोथ में अहम भूमिका निभाता है।

न्यूट्रिशनिस्ट अमीषा सिंह कहती हैं, "40 की उम्र के बाद डाइट में पर्याप्त प्रोटीन शामिल करना बहुत ज़रूरी है। चाहे वो लीन मीट हो, प्लांट-बेस्ड प्रोटीन या फिर सप्लीमेंट्स।"

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कुछ अच्छे प्लांट-बेस्ड प्रोटीन स्रोत:

चहत वासदेव बताती हैं, "प्लांट-बेस्ड प्रोटीन न सिर्फ मसल्स के लिए अच्छा है, बल्कि यह डाइजेशन सुधारता है और एक्सरसाइज़ के बाद सूजन को भी कम करता है।"

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एक्सरसाइज़: सिर्फ योग नहीं, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी ज़रूरी

केवल डाइट से बात नहीं बनेगी। मेनोपॉज में मसल लॉस को रोकने के लिए रेगुलर वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेंथ एक्सरसाइज़ करना भी उतना ही ज़रूरी है।

प्रियांका मेहता, जो पिछले एक दशक से महिलाओं को ट्रेन कर रही हैं, कहती हैं: "हर महिला को 40 की उम्र के बाद स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी चाहिए ताकि वो ज़्यादा मजबूत और हेल्दी रह सके।"

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एक हेल्दी डाइट कैसी हो?

  • रोज़ाना 1-1.2 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम बॉडी वेट
  • प्लांट-बेस्ड प्रोटीन को प्राथमिकता दें
  • हेल्दी फैट्स और फाइबर से भरपूर फूड
  • प्रोसेस्ड शुगर और अनहेल्दी स्नैक्स से बचें

एक्स्ट्रा टिप: सप्लीमेंट का सही चुनाव करें

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अगर आपको डाइट से पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिल रहा है, तो आप plant-based protein powder जैसे Gytree के प्रोडक्ट्स ट्राई कर सकती हैं। ये न सिर्फ मसल्स के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि हार्मोनल हेल्थ और डाइजेशन में भी मदद करते हैं।

मेनोपॉज एक नेचुरल फेज़ है, लेकिन इससे जुड़े बदलावों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सही प्रोटीन इनटेक, एक्सरसाइज़ और लाइफस्टाइल से आप न केवल अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाए रख सकती हैं, बल्कि बढ़ती उम्र में भी एक्टिव और एनर्जेटिक बनी रह सकती हैं।

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