Women's Fatugue: कैसे थकान महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या है?

मैं थक गई हूँ। मैं पूरी तरह से थक गई हूँ। मुझे दर्द दो, लेकिन ऊर्जा की कमी नहीं। जब महिलाओं की बात आती है, तो हम उनके स्वास्थ्य की मुख्य समस्याओं को गलत समझते हैं। हमारी दुनिया में महिला पोषण के बारे में कम जानकारी है।

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Gytree Meno Club
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Menopause Fatigue

Photograph: (Freepik)

"मैं थक गई हूँ। मैं पूरी तरह से थक गई हूँ। मुझे दर्द दो, लेकिन ऊर्जा की कमी नहीं"। जब महिलाओं की बात आती है, तो हम उनके स्वास्थ्य की मुख्य समस्याओं को गलत समझते हैं। हमारी दुनिया में महिला पोषण के बारे में कम जानकारी है। 100 प्रतिभागियों के एक सर्वे में, महिलाओं ने कहा, थकान और उत्पादकता में कमी उनके दिन को सबसे ज़्यादा खराब करती है। हैरान हैं?

कैसे थकान महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या है

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जब हम महिलाओं के बारे में बात करते हैं, तो दर्द को हमेशा Menstrual Cramp, माइग्रेन और जोड़ों के दर्द के साथ जोड़ दिया जाता है लेकिन यह हमेशा शारीरिक दर्द नहीं होता है। असली कारण हमेशा थका हुआ महसूस करना है जो चुपचाप उत्पादकता, मूड और आत्मविश्वास को खत्म कर देता है।

रिसर्च और समाज को दोष दें?

यह विडंबना है कि ज्यादातर मामलों में महिलाओं को बच्चे पैदा करने वाली माना जाता है और इसलिए उनकी सेहत से जुड़ी हर चीज़ उनकी प्रेगनेंसी से शुरू होती है और उसी पर खत्म होती है। यह सिर्फ समाज में ही नहीं है बल्कि मेडिकल रिसर्च में भी महिलाओं की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है जिसके कारण हम मान लेते हैं कि महिलाओं की सेहत से जुड़ी सभी खबरें अच्छी होती हैं।

क्या अब समय आ गया है कि हम Motherhood से परे महिलाओं और उनकी पहचान के बारे में सोचना शुरू करें?

महिलाएं माँ होने से कहीं बढ़कर हैं। वे गणितज्ञ, रोल मॉडल, बाइकर, एआई एक्सपर्ट, हाउसवाइफ, एक मॉडल, वैज्ञानिक, टीचर, उद्यमी और बहुत कुछ हैं। वह खुद को सिर्फ़ माँ होने तक सीमित नहीं करतीं, भले ही उन्हें मातृत्व पर गर्व हो।

क्या थकान वाकई मुद्दा हो सकता है?

हम सभी "सुपरवुमन सिंड्रोम" से जूझ रहे हैं जहाँ हमसे परिवार, काम और लक्ष्यों को एक साथ संभालने की उम्मीद की जाती है। यह हमारी वास्तविकता है।

GYTREE की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुदेशना रे कहती हैं, "थकान सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जो जीवन के हर हिस्से को प्रभावित करती है।"

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करियर काउंसलर मधुरिमा बंसल कहती हैं, "यह काम, परिवार और रोजमर्रा के जीवन में नियंत्रण को प्रभावित करती है।" कई महिलाओं के लिए, कम ऊर्जा सबसे आसान कामों को भी मुश्किल बना देती है।"

हार्मोन का खेल

एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन ऊर्जा, मूड और जीवन शक्ति को नियंत्रित करते हैं। Periods के दौरान, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में बदलाव इनसे पहले थकान का कारण बन सकता है, जबकि Perimenopause और Menopause के दौरान हार्मोनल असंतुलन अक्सर ऊर्जा में गिरावट को बढ़ाता है।  खास रूप से एस्ट्रोजन का कम होना सेरोटोनिन को प्रभावित करता है, जिससे मूड स्विंग और मानसिक थकान होती है।

स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल, क्रोनिक तनाव से असंतुलित हो सकता है, जिससे महिलाएं हमेशा थका हुआ महसूस करती हैं। थायराइड असंतुलन भी Metabolism को बाधित और ऊर्जा को और कम कर सकता है। काम, देखभाल और सामाजिक दबाव इस समस्या को ज्यादा बढ़ाते हैं, जिससे नींद की कमी और खुद का ध्यान रखने में मुश्किल होती है। खराब आहार, कम व्यायाम और अनुकूलित समाधान की कमी इसे और बदतर बनाती है। 

GYTREE और SheThePeople की संस्थापक शैली चोपड़ा कहती हैं, "थकान की हार्मोनल जड़ों को समझना जरूरी है। सही पोषण, स्ट्रेस मैनेजमेंट और लक्षित पूरक इसे ठीक कर सकते हैं।"

"यह पहचानना कि थकान केवल जीवनशैली का नहीं बल्कि एक शारीरिक मुद्दा भी है, महिलाओं को अपनी ऊर्जा और कल्याण को पुनः प्राप्त करने के लिए सशक्त बना सकता है।"

ऐसा कौन सा व्यावहारिक शॉर्टकट है जो कारगर हो?

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डॉक्टर सुदेशना रे कहती हैं कि इसका जवाब Protein में है। "जिन महिलाओं को 20 की उम्र में पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिला, उन्हें 30 और 40 की उम्र में इसकी कमी पूरी करनी चाहिए। हमारे खाने में Protein की कमी, व्यस्त जीवनशैली और पर्यावरण इसकी वजह हैं। पैकेज्ड प्रोटीन एक आसान और सुविधाजनक विकल्प है, जो सीधे शरीर में जाता है।"

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कम ऊर्जा का प्रभाव

कम ऊर्जा का मतलब सिर्फ़ थका हुआ महसूस करना नहीं है। यह अक्सर अपने साथ कई अन्य चुनौतियाँ भी लेकर आता है।

उत्पादकता में कमी: थका हुआ दिमाग ध्यान केंद्रित नहीं होने देता और थका हुआ शरीर व्यस्त शेड्यूल के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता।

मूडस्विंग: थकान मानसिक बोझ, चिड़चिड़ापन, निराशा और अपर्याप्तता की व्यापक भावना पैदा कर सकती है।

आत्मविश्वासकीकमी: जब ऊर्जा कम होती है, तो आत्मविश्वासी महिलाएं भी अपनी जिम्मेदारियों को संभालने और कई कामों को प्रभावी ढंग से करने की अपनी क्षमता पर संदेह करना शुरू कर सकती हैं।

तनावपूर्णरिश्ते: हमेशा थके रहने के कारण आपके व्यक्तिगत संबंधों पर बुरा असर पड़ता है जिससे अकेलेपन की भावना पैदा हो सकती है। 

हाँ, महिलाओं की थकान एक कॉर्पोरेट प्राथमिकता होनी चाहिए! लेकिन उद्योग उनकी ऊर्जा की जरूरतों को नजरअंदाज करता है। कंपनियों को ऊर्जा को एक महत्वपूर्ण मीट्रिक मानना चाहिए। ऊर्जा वजन घटाने या स्किनकेयर से परे, स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता का संकेतक है।

तो महिलाओं को विशेष ऊर्जा समाधानों की जरूर क्यों है?

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विशिष्ट जरूरतें महिला की उम्र, हार्मोनल बदलाव, जीवनशैली और तनाव के स्तर के साथ बदलती हैं। ऐसे प्रोडक्ट और सर्विस जो Menopause या Postpartum रिकवरी जैसे इन विशिष्ट परिवर्तनों को पूरा करती हैं, आवश्यक हैं। 

आत्मविश्वासबढ़ाएँ: ऊर्जा सिर्फ़ शारीरिक ताकत नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती और भावनात्मक संतुलन भी है। सेहत कंपनियाँ ऊर्जा बढ़ाने वाले समाधान देकर महिलाओं को आत्मविश्वास और सक्षम बनाती हैं।

आसानसहायता: Supplements के साथ-साथ, हमें ऐसे सुझाव और दिनचर्या चाहिए जो कार्यस्थल के स्वास्थ्य कार्यक्रमों और आसान पोषण योजनाओं के ज़रिए महिलाओं के जीवन में आसानी से फिट हो सकें।

आगे बढ़ने का सही तरीका क्या है?

महिलाओं को तेज समाधान से ज़्यादा स्थायी समाधान की ज़रूरत है जो उनकी ऊर्जा और सेहत को प्राथमिकता दें। सेहत कंपनियों को नवाचार और सहानुभूति के साथ कदम रखने हैं। कम ऊर्जा और आत्मविश्वास की कमी को संबोधित करके, वे न केवल व्यक्तिगत जीवन बल्कि पूरे समाज को बदल सकते हैं। महिलाओं ने परिवार, वर्कफोर्स और समाज को ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। अब समय आ गया है कि कहानी को सिर्फ़ दर्द को प्रबंधित करने से बदलकर महिलाओं को वास्तव में सशक्त बनाने की ओर ले जाया जाए ताकि वे जीवंत, ऊर्जावान जीवन जी सकें। 

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