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इन तरीकों से कर सकती है महिलाएं Postpartum Weight Loss

Postpartum में  वजन धीरे-धीरे और स्वस्थ रुप से कम होना चाहिए। बहुत ज़्यादा कम कैलोरी और डिटॉक्स फ़ूड का सेवन मत करें क्योंकि इससे पोषक तत्वों की कमी और कुछ बीमारियाँ हो सकती हैं।

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Rajveer Kaur
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postpartum weight loss (Flo)

(Image Credit: Flo)

Tips For Postpartum Weight Loss: प्रेगनेंसी महिलाओं के जीवन का ऐसा पड़ाव है जो उनकी ज़िंदगी को बदल कर रख देता हैं।इसके बाद एक महिला सिर्फ़ औरत ही नहीं रहती वो एक माँ भी बन जाती है। इस समय दौरान महिलाओं का शरीर बहुत सारे शारीरिक और मानसिक बदलावों में से गुजरता है जिसमें उन्हें ज़्यादा केयर और सपोर्ट की ज़रूरत होती है  ताकि उसका यह सफ़र स्वस्थ रहे। 

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इस बीच एक ऐसा पड़ाव आता है जब महिलाओं जिसे हम postpartum कहते है- ऐसे फ़ेज़ में महिला बच्चे को डिलीवर करती है। ऐसे समय में महिला का शरीर वापिस से पहले जैसा होना चाहता है जिस कारण महिलाएँ बहुत सारे बदलाव से गुजरती है। इसमें कई बार  महिलाएँ डिप्रेशन का भी शिकार हो जाती है। 

इन तरीकों से कर सकती है महिलाएं Postpartum Weight Loss

वजन पर क्या प्रभाव पड़ता है-

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इस कंडिशन में महिलाओं का वजन 5kg तक बढ़ जाता है  जिससे आगे चलकर डायबिटीज और हृदय रोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।  postpartum में  वजन धीरे-धीरे और स्वस्थ रुप से कम होना चाहिए। बहुत ज़्यादा कम कैलोरी और डिटॉक्स फ़ूड का सेवन मत करें क्योंकि इससे पोषक तत्वों की कमी और कुछ बीमारियाँ हो सकती हैं।

कैसे कर सकती है वजन कम?

गर्भधारण से पहले वजन

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प्लानिंग से बहुत चीज़ें आसान हो जाती है। यदि आप गर्भधारण करने की प्लान कर रही हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलें और अपना हेल्थ चेकअप करवाएं। बीएमआई >30 किलोग्राम/वर्ग मीटर वाली महिलाओं को गर्भधारण से पहले अपने शरीर का वजन कम से कम 5% कम करने की सलाह दी जाती है। यदि प्रेगनेंसी से पहले किसी पोषक तत्व की कमी  है तो उसे बैलेंस्ड और पौष्टिक डाइट से ठीक किया जा सकता है। 

गर्भावस्था में वजन बढ़ना

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर पौष्टिक तत्वों की मांग सबसे ज्यादा करता है।  इस समय  में शरीर के वजन, ऊंचाई और बीएमआई का रोज़ चेक होना जरुरी है। संपूर्ण गर्भाधान अवधि के दौरान कुल 10-12 किलोग्राम वजन बढ़ना सुरक्षित और सामान्य माना जाता है। महिलाओं को जंक फूड, प्रोसेस्ड फ़ूड और शुगर युक्तफ़ूड से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हलकी शारीरिक गतिविधि जरूर करनी चाहिए।इसके साथ अपनी दिनचर्या को गतिशील रखिए। 

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ब्रेस्टफीडिंग और पोस्टपार्टम वजन में कमी:

मां का दूध शिशुओं के लिए पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है जो रोगों से बचाता है। इसके महिला को भी बहुत सरे फायदे है।  रिसर्च बताती है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं में पहली तिमाही के दौरान पोस्टपार्टम वजन में 0.7 किलोग्राम/माह की कमी होती है। केवल 6 महीने के ब्रेस्टफीडिंग से गर्भकालीन वजन का 86% कम किया जा सकता है। WHO के अनुसार बच्चे को पहले 6 महीनों के लिए सिर्फ ब्रेस्टफीडिंग और 6 महीने के बाद निरंतर स्तनपान के साथ पूरक आहार शुरू करने को कहता है। 

पोस्टपार्टम फ़ूड 

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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पौष्टिक तत्वों की आवश्यकताएं बढ़ जाती हैं। स्तनपान के पहले 6 महीनों के लिए रोजाना  कैलोरी खपत में +600 किलो कैलोरी को बढ़ाना चाहिए जबकि फीडिंग में  7-12 महीनों के लिए +520 किलो कैलोरी की वृद्धि की चाहिए । आहार में विटामिन और खनिज युक्त स्रोतों को शामिल करना चाहिए। 

फिजिकल एक्टिविटी 

वजन कम करने के लिए पोस्टपार्टम शारीरिक गतिविधि बहुत जरुरी है। एप्रतिदिन 30 मिनट या सप्ताह में कम से कम 4 दिन व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। तेज चलना, तैराकी और स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम शुरुआत के लिए अच्छे विकल्प हैं। 

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चेतावनी: प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

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