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प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) महिलाओं के लिए हर महीने की एक सामान्य समस्या हो सकती है। इसमें मूड स्विंग्स, पेट दर्द, थकान, चिड़चिड़ापन और अन्य शारीरिक व मानसिक असुविधाएं शामिल होती हैं। हालांकि कुछ आसान और प्रभावी उपाय अपनाकर आप PMS के लक्षणों को नियंत्रित कर सकती हैं।
इन तरीकों से किया जा सकता है Pre-Menstrual syndrome को कंट्रोल
- संतुलित आहार: विटामिन और खनिजों से भरपूर भोजन जैसे हरी सब्जियां, फल और नट्स का सेवन करें। यह हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- शुगर और कैफीन से बचें: इनका अधिक सेवन मूड स्विंग्स और तनाव को बढ़ा सकता है।
- हाइड्रेशन: दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यह पेट फूलने और थकान को कम करता है।
नियमित व्यायाम और योग
- व्यायाम का महत्व: रोजाना हल्का व्यायाम जैसे तेज चलना, जॉगिंग या साइकिल चलाना PMS के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है।
- योग और ध्यान: योगासन और ध्यान तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने का एक प्रभावी तरीका है। खासकर श्वास व्यायाम जैसे प्राणायाम शरीर और मन को शांत रखते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
- तनाव प्रबंधन: अपने तनाव को नियंत्रित करने के लिए खुद को आराम देने वाली गतिविधियों में शामिल करें। यह मूड स्विंग्स को कम करता है।
- सोशल कनेक्शन: दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने से आपको भावनात्मक समर्थन मिलता है।
जीवनशैली में बदलाव
अच्छी नींद लें
नींद की कमी PMS के लक्षणों को बढ़ा सकती है। हर रात 7-8 घंटे की नींद लें और सोने का एक निश्चित समय तय करें।
हर्बल चाय का सेवन
पुदीना या कैमोमाइल चाय जैसे हर्बल चाय का सेवन करने से पेट की ऐंठन और तनाव में राहत मिलती है।
प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को नियंत्रित करना मुश्किल नहीं है। सही खानपान, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली के जरिए आप इसके लक्षणों को कम कर सकती हैं। यदि लक्षण अधिक गंभीर हो जाएं तो डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें। अपने शरीर और मन की देखभाल को प्राथमिकता दें और इन दिनों को सहज बनाएं।