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Pregnancy Myths: गर्भावस्था के दौरान महिलाएं और उनके परिवार अक्सर कई तरह की भ्रांतियों का सामना करते हैं। समाज में कुछ मिथक और गलत धारणाएं इस समय को और भी जटिल बना देती हैं। गर्भावस्था के दौरान सही जानकारी होना बहुत जरूरी है, ताकि महिलाएं अपने और अपने बच्चे की सेहत का सही तरीके से ध्यान रख सकें। इस लेख में हम गर्भावस्था से जुड़े कुछ बड़े मिथकों और उनकी सच्चाई के बारे में जानेंगे।
गर्भावस्था से जुड़े 6 बड़े मिथक और उनकी सच्चाई
6 Major Myths About Pregnancy and Their Truth
1. चलने फिरने की मनाई
यह एक पुराना मिथक है कि गर्भवती महिलाओं को चलने-फिरने से बचना चाहिए, ताकि बच्चे को कोई नुकसान न हो। हालांकि, यह सच नहीं है। हल्का-फुल्का चलना, वॉक करना या योग करना गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद होता है। यह रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है, मानसिक शांति प्रदान करता है, और प्रसव के दौरान मदद करता है। लेकिन यह भी जरूरी है कि पहले आप अपने डॉ से सलाह ले।
2. खट्टी चीजों की मनाई
खट्टी चीजों के बारे में यह मान्यता है कि ये गर्भवती महिला और बच्चे को नुकसान पहुंचाती हैं। हालांकि, खट्टी चीजें जैसे नींबू, दही या आमला खाने से शरीर को विटामिन सी मिलता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह केवल महिलाओं को अधिक खट्टा खाने बक
3. ज्यादा सोने की मनाई
यह एक और मिथक है कि गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सोने की जरूरत होती है। हालांकि, यह सच है कि गर्भवती महिला को अच्छी नींद की आवश्यकता होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें पूरे दिन सोते रहना चाहिए। ज्यादा सोने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। नियमित रूप से हल्का व्यायाम और एक अच्छा संतुलित दिनचर्या महिला को सक्रिय और स्वस्थ रखने में मदद करती है।
4. केवल दो लोगों के लिए खाना चाहिए
यह एक सामान्य भ्रांति है कि गर्भवती महिला को दो लोगों के लिए खाना खाना चाहिए। हालांकि, गर्भावस्था में पोषक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दो गुना खाना खाया जाए। गर्भवती महिला को संतुलित और पुतिन से भरपूर भोजन करना चाहिए ताकि उनमें ताकत की कमी न हो। इसके अलावा, अतिरिक्त कैलोरी का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।
5. हमेशा घर में रहना चाहिए
कुछ लोग मानते हैं कि गर्भवती महिला को हमेशा घर में रहना चाहिए और बाहर कम से कम निकलना चाहिए। जबकि, गर्भवती महिला को ताजगी और मानसिक शांति के लिए बाहर जाना आवश्यक है। खुले में ताजे हवा में रहना, लोगों से मिलना जुलना और व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होता है, महिला अपने शरीर की स्थिति का ध्यान रखते हुए बाहर जाएं और जोखिम से बचें।
6. पहला बच्चा देर से होगा, दूसरा जल्दी
यह एक आम मिथक है कि पहले बच्चे की डिलीवरी देर से होती है, जबकि दूसरे बच्चे की डिलीवरी जल्दी होती है। हालांकि, यह सच नहीं है। हर गर्भावस्था अलग होती है और इसका समय भी अलग हो सकता है। पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म का समय शारीरिक स्थिति, चिकित्सा इतिहास और गर्भावस्था की प्रगति पर निर्भर करता है। इसका कोई निश्चित पैटर्न नहीं है, इसलिए गर्भवती महिला को खुद को मानसिक रूप से तैयार रखना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना चाहिए।