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How important is it for working mothers to maintain a work-life balance?: नए समय की महिलाएं हर क्षेत्र में सफल हो रही है। चाहे ऑफिस हो, स्कूल, अस्पताल या कॉर्पोरेट सेक्टर हो, महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पे नाम कमा रही है। लेकिन जब एक महिला मां बनती है, तो उसकी ज़िंदगी में कई महत्वपूर्ण और नए बदलाव आते हैं और इस दौरान बहुत मुश्किल हो जाता है घर और प्रोफेशन को साथ में संभालना या संतुलन बनाना।
Working Mothers: वर्किंग मदर्स के लिए वर्क लाइफ बैलेंस कितना जरूरी है?
work-life balance क्या है और ये क्यों जरूरी है?
work-life balance का मतलब होता है, अपने निजी और व्यावसायिक जीवन को अलग रखना और बराबर ध्यान देना। जब हम अपने personal और professional life को अलग नहीं रहते या एक समान ध्यान भी देते तो इससे कई मुश्किलें सामने आती है, जो न तो आपके अपने लिए न ही परिवार या करियर के लिए ठीक है। अक्सर हम अपने करियर के लिए परिवार को पीछे छोड़ने लगते है, और इस बात पर ध्यान भी नहीं देते, वहीं जब हम अपने परिवार वालों और बच्चों की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगते है तो खुद को और अपने करियर को पीछे छोड़ने लगते है। इसलिए ये जरूरी है कि एक balanced life बनाए और personal- professional life को positively handle करें।
माँ बनने के बाद भी प्रोफेशन को संभालना
मां बनना एक बेहद ही खूबसूरत अहसास है। जो अपने साथ अहम जिम्मेदारियां भी लाता है। ये मां पर निर्भर करता है कि वे इन जिम्मेदारियों को किस तरह संभालती है। खासकर जब वे एक वर्किंग विमेन हो, क्योंकि ऐसे में एक महिला को कई अहम भूमिका निभाने पड़ते है, अपने प्रोफेशनल काम के साथ, जैसे मां की भूमिका को इनमें सबसे अहम है, घर की जिम्मेदारी, घरेलू काम से लेकर घर के लोगो की देखभाल तक। इतने संघर्ष और मेहनत के बाद महिलाएं खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस करती है, और इतने के बाद भी न तो अपने प्रोफेशन न ही घर और बच्चे को समय दे पाती है। और इसलिए वर्क लाइफ को बैलेंस करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
Work life balance इतना जरूरी क्यों है?
घर के काम और लगातार तनाव का सामना करने से महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से थक जाती है और इसीलिए एक सही संतुलन जरूरी है जिससे मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
मां का खुश और सकारात्मक होना केवल मां के लिए ही नहीं बल्कि उनके बच्चे के लिए भी अच्छा होता है। इससे बच्चे को माता से प्रेरणा के साथ खुश माहौल भी मिलता है।
मां बनने के बाद जरूरी नहीं है कि अपने सपने, करियर या कम को छोड़ दिया जाए। बल्कि एक सही रूटिंग और बैलेंस से बिना खुद की पहचान खोए सारे काम हैंडल किए जा सकते है।
समय का सही उपयोग और जब समय का सही प्रबंधन से, पति-पत्नी के बीच संवाद अच्छा रहता है और परिवार में सहयोगता भी बनी रहती है।
एक सही और संतुलित लाइफ कैसे बनाएं?
सबसे पहले ना कहना सीखे, वो काम जो आपके वर्क लाइफ को असंतुलित करता है, उस काम को ना कहना शुरू करें। सही प्लान के साथ दिन की शुरुआत करें। सबसे पहले ज़रूरी काम को निपटाए फिर अपने लिए भी कुछ समय निकालें। छोटे बच्चे बातों और काम को जल्दी समझने की क्षमता रखते है और यही समय होता है जब मां को उन्हें जिम्मेदारियों का अहसास करवाना शुरू कर देना चाहिए। सपोर्ट सिस्टम बनाएं, अपने पार्टनर, परिवार या दोस्तों की मदद लें। सबकुछ अकेले करने की अंजुरी नहीं है।