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How to Make Fitness Easy and Fun During and After Pregnancy: गर्भावस्था एक महिला के जीवन का बहुत ही खास समय होता है साथ ही ये शरीर और मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में फिट रहना न सिर्फ मां की सेहत के लिए जरूरी है, बल्कि बच्चे के विकास में भी मददगार साबित होता है। अक्सर महिलाओं को लगता है कि गर्भावस्था के दौरान या डिलीवरी के बाद फिटनेस रूटीन बनाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन कुछ आसान और मजेदार तरीकों से यह सफर हल्का और आनंददायक बनाया जा सकता है।
Fit Motherhood: प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में कैसे बनाएं फिटनेस को आसान और मजेदार
गर्भावस्था में फिटनेस क्यों जरूरी?
गर्भावस्था के दौरान हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और सक्रिय दिनचर्या सेहतमंद प्रेग्नेंसी में सहायक होती है। इससे वजन संतुलित रहता है, रक्त संचार बेहतर होता है, कमर और पीठ दर्द में राहत मिलती है, और डिलीवरी के समय जटिलताओं का जोखिम भी कम हो जाता है। साथ ही, फिट रहने से तनाव भी कम होता है और नींद बेहतर आती है। हालांकि कोई भी एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है, खासकर अगर हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी हो।
प्रेग्नेंसी के दौरान फिटनेस
गर्भावस्था में हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे प्रेग्नेंसी योगा, वॉकिंग, डांस और स्विमिंग काफी फायदेमंद होती हैं। बटरफ्लाई पोज, कैट-काउ पोज और डीप ब्रीदिंग तनाव कम करते हैं। रोज़ाना वॉकिंग से शरीर और मन को ताजगी मिलती है। हल्की डांस एक्सरसाइज मूड बेहतर करती है, जबकि स्विमिंग मांसपेशियों को आराम देती है और जोड़ों पर दबाव नहीं डालती।
डिलीवरी के बाद फिटनेस
डिलीवरी के बाद शरीर को पूरी तरह से ठीक होने में समय लगता है। लेकिन हल्की एक्सरसाइज से शुरुआत कर के आप फिर से फिटनेस की राह पकड़ सकती हैं। शुरुआती छह हफ्तों में सिर्फ हल्की वॉक या ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। फिर डॉक्टर की सलाह के अनुसार धीरे-धीरे स्ट्रेचिंग, पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज और योग से शुरुआत करें।
बच्चे को भी करें योग में शामिल
मां बनने के बाद समय निकालना चुनौती हो सकता है, लेकिन आप अपनी फिटनेस को बच्चे के साथ भी मजेदार बना सकती हैं, जैसे बच्चे को स्ट्रोलर में लेकर पार्क में वॉक करें। इससे दोनों को ताजगी मिलेगी। बच्चे को भी अपने साथ योग करने की प्रेरणा दे, साथ के योग और कसरत करें। इससे बच्चे को भी योग और कसरत के प्रति जागरूकता होगी। साथ ही आप बच्चे के साथ हल्का म्यूजिक प्ले करें और साथ में डांस करें। यह बॉन्डिंग के साथ-साथ फिटनेस का भी मजेदार तरीका है।
मानसिक स्वास्थ्य
मातृत्व के दौरान शारीरिक फिटनेस के साथ ही मानसिक रूप से फिट होना भी जरूरी है। प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद भावनात्मक उतार-चढ़ाव आना सामान्य है। ऐसे में मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और पॉजिटिव सोच आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखती है।
फिटनेस एक जिम्मेदारी और आनंद
बदलाव धीरे-धीरे होता है, इसलिए धैर्य रखें और छोटे-छोटे लक्ष्यों से शुरुआत करें। फिटनेस को एक ज़िम्मेदारी की तरह ही नहीं बल्कि एक आनंददायक एक्टिविटी की तरह लें। प्रेग्नेंसी और मदरहुड के इस खूबसूरत सफर में खुद को फिट और खुश रखना सबसे जरूरी है, क्योंकि एक स्वस्थ मां ही एक खुशहाल परिवार की नींव होती है।