How Motherhood Can Brings Changes In You: माँ बनने का एहसास सबसे अलग होता है। आपकी जिंदगी में बहुत सारे बदलाव आ जाते हैं। आपको एक नहीं पहचान मिल जाती है। पहले आप सिर्फ अपने आपके लिए जिम्मेदार होते थे लेकिन अब आपके ऊपर एक बच्चे की जिम्मेदारी होती है, जिसकी हर चीज का ध्यान आपको रखना पड़ेगा। आपके खाने-पीने की आदतें, व्यवहार और रहन-सहन का तरीका सब कुछ बदल जाएगा। आपके हर फैसले से पहले बच्चे के बारे में सोचना पड़ेगा। माँ बनना जहां पर आपके लिए मजेदार हो सकता है वहीं यह अपने साथ बहुत जिम्मेदारियां भी लेकर आता है जो कहीं बार आपको एग्जास्ट कर सकता है।
Motherhood Changes: माँ बनने के बाद क्या बदलाव आते हैं?
आपकी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं
मां बनने के बाद आपकी प्राथमिकताओं में भी बदलाव देखने को मिलता है। पहले जहां पर आप हर काम से पहले खुद के बारे में सोचते थे या फिर आप अपने शेड्यूल के हिसाब से चीजें करते थे, वहां अब आप पहले बच्चे के बारे में सोचते हैं। आप कई बार वो काम भी नहीं करते, जहां पर आपके बच्चे को झेलना पड़ सकता है या फिर उसे प्रॉब्लम हो सकती है। आप अपनी खुशियों को बाद में और उसे पहले रखते हैं।
नई पहचान मिलती है
आपको नई पहचान मिलती है। मां का रिश्ता ऐसा होता है जिसे आपने अपने खून के साथ सींचा होता है। इसमें आपकी बहुत सारी मेहनत और त्याग दिखाई देता है। आपने इस रिश्ते को पाने के लिए 9 महीने के बदलाव झेले हैं जो बिल्कुल आसान नहीं थे। इसके बाद जो आपको पहचान मिली है, वो आपके लिए सबसे बड़ी राहत है। जब बच्चा अपने मुंह से माँ शब्द बोलता हैं तब आप के सारे दुख खुशियों में बदल जाते हैं।
रिश्तों में मज़बूती आती है
मां बनने के बाद आपका अपने पति के साथ रिश्ता मजबूत हो जाता है। आपके आसपास के रिश्ते जैसे मां-बाप, सास-ससुर, ननंद और भाई-बहन भी आपके लिए बहुत ज्यादा केयरिंग हो जाते हैं, उनसे भी आपको खूब प्यार मिलता है। वह आपके बच्चे की खुशियों में शामिल होते हैं। बच्चों के आने के बाद घर में हर सदस्य के रोल भी बदल जाते हैं। उनकी पहचान में भी एक बड़ा शिफ्ट देखने को मिलता है।
शारीरिक बदलाव
मां बनने की जर्नी बहुत कठिन होती है। यह अपने साथ बहुत सारे शारीरिक बदलाव भी लेकर आती हैं जैसे प्रेगनेंसी के दौरान आपको बहुत सारे बदलावों में से गुजरना पड़ता है। जब बच्चे की डिलीवरी होती है, उसके बाद महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग शुरू कर देती हैं। पोस्टपार्टम लक्षणों के साथ भी महिलाओं को डील करना पड़ता है। ब्रेस्ट में टेंडर्नेस हो जाती है और कई बार सूजन आ जाती है तो ऐसे बहुत सारे फिजिकल बदलावों में से भी गुजरना पड़ता है।
खुद के लिए कम समय मिलता है
मां बनने की शुरुआती दिनों में अपने लिए बहुत कम समय मिलता है। सारा समय बच्चे की देखभाल में भी गुजर जाता है। आपकी नींद पूरी नहीं होती है और इसका कोई फिक्स्ड पैटर्न नहीं बनता है।आप खुद की केयर नहीं कर पाते हैं। आपको अपना सब कुछ बच्चों के हिसाब से सेट करना पड़ता है।