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New Mothers Should Spend For Yourself: मां बनने के बाद महिलाएं बहुत बार अपने आप को भूल ही जाती है कि उन भी उनकी भी कोई अपनी पर्सनल जिंदगी है। समाज में मां बनने के बाद खुद के लिए जीना ही नहीं सिखाया जाता है। महिलाएं मां बनने के बाद अपने ऊपर ध्यान नहीं देती है। अपना सब समय बच्चों पर डेडिकेट करती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसे करने से ही अच्छी मां का दर्जा मिलेगा। इसलिए महिलाएं अपने ऊपर ध्यान देती नहीं है। उन्हें लगता है कि शायद मैं बच्चों क पूरा दिन ध्यान नहीं दूंगी तो मैं एक बुरी माँ हूँ लेकिन ऐसा नहीं है। आज हम जानेंगे कि महिलाओं को भी अपने ऊपर समय बिताना चाहिए-
Time For Yourself: न्यू मदर अपने लिए समय निकालें, जाने क्यों?
खुद के लिए समय
मां बनने के बाद भी महिला को अपने लिए समय निकालना नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें कुछ समय चाहे वह थोड़े समय के लिए ही निकले, ऐसे काम के लिए निकालना चाहिए जो उन्हें अच्छा लगता है। वह काम कोई भी हो सकता है। इससे उनकी मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहेगी। वह अपने बच्चों की देखभाल भी ध्यान से करेगी।
शॉपिंग पर जाए
समाज पेरेंटिंग को बोझ बना देता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। देखिए हर समय बच्चों को मां-बाप के साथ ही नहीं रहना होता है चाहे उनकी उम्र छोटी भी हो। बच्चे को आप उसके दादा-दादी, फूफी और नाना-नानी इन सबके पास छोड़कर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। इससे ऐसा नहीं होगा कि आप अच्छी माँ नहीं रहेंगे। आप बहुत अच्छी मां बन सकती है। इससे बच्चे का दूसरों से भी प्यार बढ़ेगा।
सेल्फ केयर
महिलाओं को अपनी सेल्फ केयर भी करनी चाहिए। उन्हें रोज अपने नहाने के लिए और स्किन केयर के लिए समय निकालना होगा। इससे मेंटल हेल्थ अच्छी रहेगी। माँ को कुछ समय के लिए बच्चे को दिमाग से भी बाहर निकालना चाहिए। हर वक्त बच्चों के बारे में सोचना या उसे पर ही लगे रहना बच्चों को भी चिड़चिड़ा बना देता है। जब बच्चा सो रहा है या वह अपने किसी रिश्तेदार या फिर पापा के साथ है तब आप अपने ऊपर समय व्यतीत कर सकते हैं ,अगर आपको लिखना अच्छा लगता है या कुछ समय बैठकर अकेले में चाय पीना चाहते हैं कर सकते हैं। कुछ भी आप कीजिए अपने आप को रोकिए मत। आपकी लाइफ यहां खत्म नहीं हुई है।
बच्चों के साथ खुद के लिए माँ का समय निकालना इसलिए बहुत जरूरी है-
- मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है।
- खुद के साथ समय बिताने का मौका मिलता है।
- आप अपनी इंडिविजुअल लाइफ जीने लग जाते हैं। आपको लगता है कि मेरी मां के अलावा भी कोई और आइडेंटिटी है।
- आपको पेरेंटिंग में मजा आने लग जाता है। ऐसा नहीं लगता कि पेरेंटिंग एक बहुत बड़ा बोझ है या फिर जिम्मेदारी है।
- बच्चा अपने दादा-दादी हुआ चाचा-चाची या फिर पापा के साथ भी समय बताने का मौका मिलता है।