Madhubani Artist Shanti Devi Bring Colors To G20 With Her Art: बिहार की मिथिला में रहने वाली 60 साल की Shanti Devi एक मधुबनी आर्टिस्ट है जिनके लिए उनकी कला ही उनका जीवन उनका प्रेम और उनकी आमदनी हैI बचपन से मधुबनी पेंटिंग करती आई हुई शांति देवी जी ने आखिरकार अपने उम्र के इस पराव में अपनी एक नई पहचान बनाई और हर उन औरतों के लिए एक उदाहरण बनी है जिन्हें लगता है कि उनके जीवन में अब और कुछ भी शेष नहीं हैI मधुबनी पेंटिंग हमारे भारत की प्राचीन कला है जोकि बिल्कुल भी सरल नहीं है और इस तरह की कला आज शांति देवी जैसे आर्टिस्ट की बदौलत जिंदा हैI जो आज भी अपने देश की संस्कृति और कल-कुशलता से मन से प्रेम करती हैI
शांति देवी अपने हुनर का श्रेय किसे देती है?
शांति देवी से बात करते हुए यह मालूम पड़ा कि आज उनके असाधारण मधुबनी शिल्प का श्रेय उनकी माता को जाता है जिन्होंने बचपन से उन्हें इस कला की ट्रेनिंग दी हैI उनके लिए उनकी माता ही उनके गुरु है उन्हें याद आता है कि किस तरह उनकी मां असाधारण मधुबनी पेंटिंग करती थी और उन चित्रों को अपने दीवार पर सजाती थीI सिर्फ उनकी मां ही नहीं बल्कि उनके ससुर भी उनके लिए प्रेरणा बने जोकि एक बहुत बड़े मधुबनी के एक्स्पोनेंट थेI सिर्फ यही नहीं उनके पति ने भी उनका हरदम साथ निभायाI शांति देवी जी के पति भी एक नेशनल अवार्ड विजेता है जब बात मिथिला गोदना पेंटिंग की आती हैI
मधुबनी पेंटिंग कभी भी सरल नहीं रही है इसमें समय लगन और कल तीनों की आवश्यकता होती हैI उंगलियों के माध्यम से बड़ी बारिकी से चित्र को तैयार करना पड़ता है, उसके लिए कई सामानों की जरूरत पड़ती हैI ब्रश, टहनिया, मैचस्टिक और लोकल रंग आदिI मधुबनी पेंटिंग में पांच तरह के अद्भुत कलाकारी शामिल है- भरनी, कचनी, तांत्रिक, गोदना और कोहबार और इन्हीं इन्हीं पांचो कलाकारी में शांति देवी निपुण हैI
कहाँ दिया शांति देवी ने अपने कला का प्रदर्शन?
इस पर G20 भारत मंडपम के 'क्राफ्ट्स बाजार' में की गई जो G20 के समिट का वेन्यू थाI जहां पर देश भर से कलाकार और कारीगर अपनी कला की प्रस्तुति देने इस शानदार समारोह में शामिल हुए हैI शांति देवी वह कलाकार है जिनके कारण अधिक से अधिक भीड़ इकट्ठा हुई और उन्हें हमारे देश की अद्भुत कला का प्रदर्शन मिलाI
आखिर कौन सी अद्भुत कला का प्रदर्शन दिया शांति देवी ने?
शांति देवी के सभी मधुबनी चित्रों में से जिस चित्र ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया वह है चंद्रयान-3 की मधुबनी पेंटिंगI जो शांति देवी जी ने तब बनाने का सोचा जब हमारे भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा तक जा पहुंचे और हमारा मिशन सफल हुआ जहां उन्होंने एक खूबसूरत सी चंद्रयान-3 की चित्र बनाईI उस चित्र में देश के प्रधानमंत्री से लेकर देश की महिला गर्व से विदेशी को हमारे देश की सफलता की गाथा सुनाते हुए चंद्रयान को चांद तक पहुंचते हुए देखते हैI शांति देवी जी चंद्रयान-3 की मधुबनी पेंटिंग बनाने के पीछे अपनी प्रेरणा के बारे में कहती है कि "पेपर में और टीवी में बहुत देखा था चंद्रयान उड़ते हुए, चंद्रयान-3 बोलते थे बच्चे लोगI तो हम पहली बार सोचे कि चंद्रयान क्यों नहीं बना कर देखते है कि कैसा लगता है?" शांति देवी जी अपनी खूबसूरत पेंटिंग को बेचने के ख्याल से कहती है कि "यह अब मेरी सबसे बेशकीमती संपत्ति है। मैं इसे बेचूंगी नहीं, बल्कि इसे तब तक अपने घर में रखूंगी जब तक मुझे इसे मोदीजी को पेश करने का मौका नहीं मिलताI"
अब तक की शांति देवी जी की क्या-क्या उपलब्धियां है?
शांति देवी को नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है उनके मधुबनी पेंटिंग की कला में योगदान के कारणI इसके अलावा उन्हें 'चेतना समिति अवार्ड' एवं 'उत्कृष्ट शिल्पी पुरस्कार' से भी नवाजा गया हैI