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(Image Credit: Menxp)
Men Will Be Men: हमारे समाज में एक बात बहुत आम है कि वह लड़का है ऐसे ही करेगा। यह आपने बहुत बार अपने घर में मां-बाप, रिश्तेदार और दोस्तों में सुना होगा। इसलिए हम ऐसे ही लड़कों की बड़ी से बड़ी गलती भी इग्नोर कर देते हैं। उन्हें टोकते या फिर रोकते नहीं है, सीधा यह कहकर बात को खत्म कर देते हैं कि वह लड़का था, इसलिए उसने ऐसा कर दिया। क्या सिर्फ उसके जेंडर से ही उसका गलत काम भी सही हो जाता है? हम इसे एक उदाहरण से समझते है- मान लीजिए एक लड़के ने लड़की को छेड़ा अब समाज लड़की को कहेगा कि वो लड़का है, ऐसा ही करेगा। तुम घर से बाहर जाना छोड़ दो या छोटे कपड़े मत पहनो तो आज हम इसके बारे में बात करेंगे कि क्यों यह नॉर्मल है?
कब तक हम पुरषों के हौंसले बुलंद करते रहेंगे?
भारतीय समाज आज भी पुरुष प्रधान है। यहां पर पुरुषों का हर काम उनके जेंडर के कारण जायज हो जाता है। यह कितनी अजीब बात है कि किसी का सही काम भी गलत लगने लग जाता है क्योंकि वो महिला है और किसी का गलत काम भी सही हो जाता है क्योंकि वो पुरुष है। इससे हमारी सोच पता चलती है कि हम महिला को कितना नीचे समझते हैं। उसे ही हमेशा झुकना पड़ता ह, माफी मांगनी पड़ती, है खुद को बदलना पड़ता है और बलिदान करना पड़ता है क्योंकि वह एक औरत है।
सदियों से हमारी मां, बहन, पत्नी और बेटियां बलिदान देती आ रही है क्योंकि उन्होंने औरत के रूप में जन्म लिया है। अगर कोई इस स्ट्रक्चर को चेंज करना चाहता है तो उसके कैरेक्टर पर सवाल उठाए जाते हैं, गलत बातें बनाई जाती है या फिर चुप करवा दिया जाता है। कब तक हम ऐसे ही पुरुषों की गुंडागर्दी सहते रहेंगे और चुप बैठे रहेंगे?
मर्द तो मर्द ही होता है कि चक्कर में हम मर्दों के इतने नाजाएज़ व्यवहार को सदियों से नॉर्मलाइज करते आ रहे हैं जिसके कारण आज महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार बढ़ रहे हैं। क्योंकि हमें लगता है कि एक पुरुष एक महिला के साथ रिलेशनशिप में होते दूसरी महिला के साथ फ्लर्ट कर सकता है या फिर रिलेशन रख सकता है। महिलाओं को छेड़ना पुरषों का मिजाज होता है। वह फीमेल पार्टनर से ज्यादा इंपोर्टेंस अपने दोस्तों को दे सकते है। उनके महिला के साथ किया गया सेक्सुअल एब्यूज भी नॉर्मल है क्योंकि वो पुरुष है। ऐसे ही हम छेड़छाड़ रेप या फिर हरासमेंट जैसी घटनाओं को हवा देते हैं।
अगली बार जब भी आप किसी पुरुष के गलत व्यवहार को यह कहकर सही बताएंगे कि पुरुष है, इसलिए ऐसा कर सकता है तो आपको वहां पर रुकने की जरूरत और इस बात को सोचने की जरूरत है कि कब तक महिलाएं, पुरुषों के गलत व्यवहार को सहती रहेगी? हमें इसे रोकना होगा और जब भी वह कुछ भी ऐसा करते हैं जिससे महिलाएं हर्ट होती हैं या फिर वह अनकंफरटेबल होती है तो उन्हें रुकना चाहिए। कंसेंट के बारे में हम सबको सीखना चाहिए। पुरुष होने का मतलब यह नहीं है कि आप जो कुछ भी मर्जी कर सकते हैं, जब तक समाज में पुरुष प्रधानता रहेगी और इक्वलिटी नहीं आएगी तब तक ऐसे व्यवहार को नॉर्मलाइज ही समझ जाएगा।