The Distinction Between Homemaking and Mothering: हमारे समाज में घर के काम और मां की जिम्मेदारियों को एक ही समझ लिया जाता है। हर घर में एक मां अपने बच्चों को संभालती है लेकिन उसके ऊपर घर के कामों की भी जिम्मेदारी होती है। हमें समझना जरूरी है कि यह दोनों अलग-अलग हैं। भारतीय समाज में जितनी जिम्मेदारियों मां के ऊपर होती हैं, उतनी किसी के ऊपर नहीं होती। वह अपने बच्चों की देखभाल करती हैं और घर की बाकी जिम्मेदारियां को भी पूरा करती हैं। इसके साथ ही वह किसी काम के लिए मना नहीं करती। आज हम इस विषय के ऊपर ही बात करेंगे-
घर का काम अकेले मां की जिम्मेदारी नहीं
ज्यादातर लोग घर के काम को अकेले मां की जिम्मेदारी समझ लेते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि एक मां की जिम्मेदारी है जैसे साफ-सफाई करना, कपड़े धोना, खाना बनाना और परिवार के बाकी सदस्यों की देखभाल करना लेकिन हमें यह बात समझनी होगी कि घर के काम पूरे परिवार की जिम्मेदारी होते हैं। यह अकेले मां का बोझ नहीं होते हैं। बहुत सारी महिलाएं, बच्चे और घर के काम करते-करते बर्नआउट हो जाती हैं। उन्हें खुद के लिए समय ही नहीं मिलता। ऐसे में उनसे उनसे अनरियलिस्टिक एक्सपेक्टशंस भी रखी जाती हैं और जब वह उन्हें पूरा नहीं कर पाती तो उनके अंदर गुस्सा और फ्रस्ट्रेशन भर जाती है जिसके कारण उनकी इमोशनल वेलबींइग के ऊपर भी असर पड़ता है।
महिलाओं का बोझ कम करें
हाउसवर्क की जिम्मेदारी हम सभी को लेनी चाहिए। अगर आप अपनी बेटी को घर के काम सिखा रहे हैं तो साथ में बेटे को भी सिखाना बहुत जरूरी है। इससे आप बहुत सारी महिलाओं का बोझ कम कर सकते हैं। आज भी बहुत सारे लोग मदर और हाउसवर्क के बीच में फर्क नहीं कर पाते। इसके साथ ही बच्चे संभालना भी अकेले मां की जिम्मेदारी नहीं। ऐसे में उनके पिता को भी अपने जिम्मेदारियां को समझना चाहिए और मिल-जुलकर सभी काम करने चाहिएं।अगर महिलाएं घर का काम और अपने मां होने की जिम्मेदारी पूरी नहीं कर रही तब भी उन्हें यह सुनने को मिलता है कि वह घर पर पूरा दिन खाली बैठी रहती हैं। बहुत सारे लोग उनकी पेन और मुश्किलों को समझ ही नहीं पाते। ऐसे में हमें चाहिए कि हम महिलाओं के ऊपर बोझ कम करें और घर के काम की जिम्मेदारी सिर्फ उनके ऊपर ही मत डालें।
सेल्फ केयर के लिए जरूर निकालें समय
महिलाओं को अपनी सेल्फ केयर के ऊपर भी ध्यान देना चाहिए। उन्हें दूसरों को मना करना भी सीखना चाहिए। अगर महिलाएं खुद ही इस बात में फर्क नहीं करेंगी कि घर का काम अकेले उनकी जिम्मेदारी नहीं है तो सभी बोझ उनके ऊपर ही आएंगे। उन्हें अपने लिए पर्सनल टाइम जरूर निकालना चाहिए जिसमें वे उन एक्टिविटीज को कर सकें जिससे उन्हें खुशी मिलती है। उन्हें दूसरों के बोझ को उठाने की जरूरत नहीं है।