Beauty Standards: ब्यूटी स्टैंडर्ड से महिलाओं का टकराव शुरू से ही होता रहा है। यह कोई नई बात नहीं है। आज के समय में भी जब महिलाओं की काबिलियत को पीछे और उनकी ब्यूटी को ज्यादा तवज्जो दी जाती है तब यह देखकर बहुत बुरा लगता है कि एक महिला को हम सिर्फ उसकी सुंदरता से ही आंकते हैं। हमें उसके दूसरे पॉइंट्स नजर ही नहीं आते हैं। यह देखकर बहुत बुरा लगता है। हम बार-बार इन चीजों पर बात करते हैं लेकिन समाज में कोई ज्यादा फर्क दिखाई नहीं देता है और दुख की बात यह की महिलाओं को ज्यादा इसका टारगेट बनाया जाता है।
लड़की के चेहरे पर बाल होना या ना होना क्यों इतना बड़ा मुद्दा है?
इसके लिए हमारी सोच जिम्मेदार है। यह हमारी रूढ़िवादी सोच का नतीजा है कि आज भी महिलाओं को ब्यूटी स्टैंडर्ड का सामना करना पड़ता है। हम महिलाओं को जज करते हैं तुम बॉडी हेयर रिमूव नहीं करवाती? लड़कियों के चेहरे पर बाल नहीं होने चाहिए। तुम्हें लड़कियों जैसे चलना चाहिए। यह तुम्हारे बैठने का तरीका कैसा है? तुम्हारा रंग इतना सावला है इसका कुछ उपाय नहीं करती? ऐसी बहुत सारी बातें हैं जिनका महिलाएं सामना करती आ रही हैं। कब तक हम इन चीजों के बीच में फंसे रहेंगे?
उन्हें जज किया जाता है कि तुम ज्यादा सुंदर हो या कम सुंदर हो। इसके साथ ही उनके लिए स्टैंडर्ड सेट किए जाते हैं। अगर कोई महिला उस स्टैंडर्ड के साथ मैच नहीं करती है तो वह सुंदर नहीं है लेकिन हम सब तो अपने आप में ही सुंदर हैं। हमारा मेंटली और शारीरिक रूप से फिट होना ही हमें सुंदर बनाता है। हम सब यूनिक है। हम सब अपने-अपने तरीके से सुंदर हैं। हमें किसी की वैलिडेशन की जरूरत नहीं होती है कि अगर कोई हमें कहेगा हम तब भी सुंदर होंगे।
UP से आया ऐसा मामला सामने
ऐसा ही एक मामला यूपी में देखने को मिला है जहां पर दसवीं क्लास के रिजल्ट टॉपर रहीं प्राची निगम को सिर्फ इसलिए ट्रॉल किया गया क्योंकि उसके चेहरे पर बाल थे।जब उस लड़की की तस्वीर इंटरनेट पर पब्लिश्ड हुई उसके बाद से लोगों ने उसे मज़ाक बनाना शुरू कर दिया उसके बारे में बातें बनाए जाने लगी। उसकी काबिलियत को काम आंका गया। इन सब चीजों को देखने, सुनने और पढ़ने के बाद उसे लड़की के मन पर क्या बीती होगी। क्या उसके लिए यह सब चीज सहन करना आसान होगा? क्यों हमें किसी के ऊपर उंगली उठाना या उनका मजाक बनाना इतना आसान लगता है? कैसे हम यह तय करते हैं कि किसी भी महिला को ऐसे ही होना चाहिए? किसी को कैसे दिखाई देना है, इसमें हमारा कोई भी रोल नहीं है। यह हम नहीं डिसाइड कर सकते कि उसे किस तरीके से रहना चाहिए या उसकी अपीरियंस कैसी होनी चाहिए।
लेडिस, आपको किसी भी तरह के ब्यूटी स्टैंडर्ड का प्रेशर लेने की जरूरत नहीं है। आप सुंदर है और इस बात के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। यह ट्रालर्स हमारी वर्थ कभी भी डिफाइन नहीं कर सकते हैं। यह सिर्फ इंटरनेट का सहारा लेकर, अपनी शक्ल छुपा कर बोल सकते हैं। समाज का भी फर्ज बनता है कि हम ऐसी महिलाओं को सेलिब्रेट करें जो कुछ कर रही हैं। ऐसे बंद समाज में आगे बढ़ रही है। उनके लिए हमें ज्यादा सुरक्षित प्लेस बनाने की जरूरत है