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क्यों Housewife को छोटी सोच से देखा जाता है?

हाउसवाइफ होना कोई छोटी बात नहीं है, बहुत सारी जिम्मेदारियों का बोझ उठाना पड़ता है। हाउसवाइफ को अपने से पहले परिवार के बारे में सोचना पड़ता है और यह छोटी बात नहीं है।

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Rajveer Kaur
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housewife (Pinterest)

Why Are Housewives Looked Down Upon (Image Credit: Pinterest)

Why Are Housewives Looked Down Upon: जब कोई महिला हाउसवाइफ बनने का तय करती है जरूरी नहीं है कि वह अपने सपनों को मार रही है या उसके साथ जबरदस्ती की गई हो। यह एक महिला का खुद का फैसला हो सकता है। हाउसवाइफ होना कोई छोटी बात नहीं है, बहुत सारी जिम्मेदारियों का बोझ उठाना पड़ता है। हाउसवाइफ को अपने से पहले परिवार के बारे में सोचना पड़ता है और यह छोटी बात नहीं है। जो लोग कहते हैं कि हाउसवाइफ पति के पैसों पर निर्भर करती है, तुम्हारा खुद का अस्तित्व क्या है? उन्हें यह बात जानने की जरूरत है कि हाउसवाइफ के बिना घर चल ही नहीं सकता।

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क्यों Housewife को छोटी सोच से देखा जाता है?

हाउसवाइफ होना कोई छोटा काम?

हाउसवाइफ होना कोई छोटा काम नहीं है। सुबह घर के सभी सदस्यों से पहले उठना और सबसे बाद में सोना, इसके बाद घर के हर एक परिवार के मेंबर का ख्याल रखना, बच्चों की परवरिश, पति की जरूरतों का ख्याल, सास ससुर की देखभाल और उसके बाद रिश्तेदार यह सब अकेले करती है। उसे घर के बाहर जाकर भी काम करना पड़ता है जैसे ग्रॉसरी शॉपिंग, घर के अन्य सामान की शॉपिंग, फंक्शन में आना-जाना आदि यह सब आसान नहीं है।

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खुद की पहचान नहीं

आजकल सोशल मीडिया पर एक बात बहुत उठ रही है कि महिलाएं पतियों का खाती है, खुद कुछ नहीं करती। जिन कामों की हमने ऊपर बात की है तो वह सब कौन करता है? पति को सिर्फ अपने वर्क की टेंशन होती है बाकी काम तो हाउसवाइफ ही संभाल लेती है। पत्नि के बलिदानों को कोई भी बात नहीं करता। हर बार महिला को ही गलत समझ लिया जाता है।

देखिए कोई भी रिश्ता सिर्फ एक तरफ से नहीं चलता जितने प्रयास पति करते हैं उतना महिला भी करती है। वह अलग बात है कि हम सिर्फ पति के एफर्ट्स को काउंट करते हैं क्योंकि वह बाहर जाकर कमाता है। महिला घर पर रहती है तो उसके काम को इतनी मान्यता नहीं मिलती। 

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होममेकर का कोई जेंडर नहीं 

हाउसवाइफ या होममेकर होना बिल्कुल आसान नहीं है और इसका कोई जेंडर भी नहीं है। जरूरी नहीं कि सिर्फ महिला ही होम मेकर बने। पति भी होममेकर बन सकता है कई बार पतियों की खुद की चॉइस भी होती है कि उन्हें होममेकर बनना है लेकिन समाज के डर से या लोग क्या कहेंगे वह नहीं बन पाते। समाज मे यह धारणा है कि लड़का बाहर काम करेगा और लड़की घर के काम। 

आजकल तो महिला से  यह भी अपेक्षा की जाती है कि घर के काम के साथ जॉब भी करनी पड़ेगी। आजकल तो महिलाएं घर भी संभालती है साथ-साथ अपने छोटे-छोटे बिजनेस, सोशल मीडिया पर कुछ अर्निंग भी कर रही है या कॉर्पोरेट जॉब्स कर रही है। हाउसवाइफ होना छोटी या गलत बात नहीं और हर महिला को अपने हाउसवाइफ होने पर प्राउड होना चाहिए क्योंकि उनके बिना परिवार की गाड़ी आगे बढ़ ही नहीं सकती।

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