क्यों बेटियां अंतिम संस्कार नहीं कर सकती हैं?

ब्लॉग | ओपिनियन : बहुत से परिवार में लोग बोलते हैं की एक बेटा जरूर होना चाहिए अर्थी देने के लिए। महिला घर से लेकर ऑफिस तब का सारा काम खुद से ही कर लेती है मगर उन्हें अंतिम संस्कार में जानें तक की परमिशन भी नहीं मिलती है।

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Ayushi
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Why Daughters Can Not Perform Last Rites

Why Daughters Can Not Perform Last Rites : बहुत से परिवार में लोग बोलते हैं की एक बेटा जरूर होना चाहिए अर्थी देने के लिए। महिला घर से लेकर ऑफिस तब का सारा काम खुद से ही कर लेती है मगर उन्हें अंतिम संस्कार में जानें तक की परमिशन भी नहीं मिलती है। बेटियां अपने माता-पिता से उतना ही प्यार करती हैं जितना की एक बेटे करता है। बहुत सी लड़कियों के मन में हमेशा से यह प्रश्न जरूर रहता है की, उन्हें अंतिम संस्कार करने क्यों नहीं दिया जाता? अंतिम संस्कार करना सिर्फ लड़कों का ही हक क्यों होता? और सिर्फ अलग जेंडर के कारण उन्हें अर्थी क्यों नहीं देने दिया जाता? तो आइए इस ब्लॉग में जानें इसके पीछे के रीजन।

लोग बेटियां को अंतिम संस्कार क्यों नहीं करने देते है

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1. "लड़कियां इमोशनल होती है"

लड़कियां इमोशनल, डेलिकेट और फेंट हॉटेड श्मशान घाट या फिर कब्रिस्तान का नजारा नहीं देख पाएंगी। क्योंकि वे बहुत ही भावुक और इमोशनल होती हैं उन्हें सभी से बेहद लगाव रहता है जिसके कारण वे उनको अंतिम समय में नहीं देख पाएंगी।

2. “बाल सेव नहीं करवा पाएंगी”

हर एक लड़कियां अपने बालों को लेकर बहुत ही इमोशनल और भावूक होती है। वे अपने बालों को लेकर बहुत ही पॉजेसीव और इमोशनल होती है।

3. “अनमैरिड लड़कियों को भूत पकड़ सकते हैं”

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बहुत से लोगों का मानना है की अनमैरिड लड़कियों को भूत पकड़ और ‌पिसाज पकड़ सकते हैं। इस कारण से भी उन्हें श्मशान घाट का कब्रिस्तान में जाना सुरक्षित नहीं है।

4. "लड़कियां लास्ट राइट परफॉर्म करेंगी तो आत्मा को मोक्ष नहीं मिलेगा "

अंतिम संस्कार में सागर लड़कियां लास्ट राइट परफॉर्म करेंगी तो उनके आत्मा को कभी भी मोक्ष नहीं मिलेगा।

5. प्रॉपर्टी का हक

जो अंतिम संस्कार करता है उसे प्रॉपर्टी का हक भी मिलता है‌।

इन‌ कारणों की वजह से आज भी आज भी लड़कियों को अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं मिलती है। डेथ सर्टिफिकेट प्रोटोकॉल पे अभी भी कई जगहें ड्रॉप डाउन मैंन्यू में डॉटर शब्द नहीं आता और अस्थि विसर्जन के समय लोगों से कितने सवाल करते हैं। आज भी हमारे समाज में फीमेल क्रीज़ पर की कोई वैल्यू नहीं है और अभी भी शमशान घाट में लड़कियां नहीं होती है। अब समय बदल रहा है लोग आज के युग में जागरूक हो रहे हैं। बॉलीवुड इंडस्ट्री के बहुत से एक्टर और एक्ट्रेस आज के समय में अंतिम संस्कार कर रहे हैं। धीरे-धीरे समाज में जागरूकता बढ़ रही है।

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