Why Motherhood Break Is Important: मॉम होने पर ब्रेक लेना बिल्कुल जायज है और इसमें कोई शर्म की बात नहीं है। इससे न ही आप पूरी मॉम बन जाएगी। जब एक औरत मां बन जाती है उसके ऊपर एक ऐसा बोझ आ जाता है जो दिखाई नहीं देता है क्योंकि उसे नॉर्मल मान लेते हैं। जिस औरत के द्वारा उसे सहन किया जा रहा है वह ही जानती है कि वह किस चीज से गुजर रही है। जब वह बोझ से निकलना चाहती है, समाज का प्रेशर उसे पर इतना आ जाता है कि कई बार औरतें निकल ही नहीं पाती हैं। आईए जानते हैं कि माँ होने से ब्रेक लेना क्यों जरूरी है-
Motherhood Break: क्या माँ होने से ब्रेक लेना आपको बुरा बना देता है?
हमारे समाज में महिला होना बिल्कुल भी आसान नहीं है। समाज, परिवार और बाद में बच्चों की अपेक्षाएं हमसे इतनी बढ़ जाती है कि हमें एक मिनट की सांस भी नहीं मिलती है। आखिर में फिर सुनने को यही मिलता है कि तुम पूरा दिन करती क्या हो? सुबह 5:00 बजे इनकी जिंदगी शुरू हो जाती है और सबसे बाद में खत्म होती है। हर व्यक्ति को सिर्फ अपनी चिंता होती है लेकिन एक मां को पूरे परिवार की चिंता होती है। उसे आज में ही कल दिखाई देता है। ऐसे में माँ खुद को कहीं भूल जाती है। वह उन कामों को करना बंद कर देती है जिससे उसे खुशी मिलती है क्योंकि प्रायोरिटी बदल जाती हैं। महिलाएं फिर बाद में यह कहती है कि मां बनने के बाद उनकी पूरी जिंदगी चेंज हो गई है। यहां पर पेरेंटिंग को इंजॉय करना नहीं सिखाया जाता है।
महिलाओं को शुरू से ही डराया जाता है कि पैरेंट बनने पर बहुत सारी जिम्मेदारियां आ जाती है। बच्चों का इतना स्ट्रेस होता है खुद को हम एंजॉय नहीं कर पाते हैं और जो लोग ऐसी बातें मानते हैं फिर उन्हें ही समाज की तरफ से अच्छा पेरेंट् माना जाता है। इसलिए जो लोग अपने तरीके से पेरेंटिंग करते हैं या फिर समाज के तरीके से नहीं चलते हैं। उन्हें समाज अलग नजर से भी देखा है।
अपनी परवाह करना सेल्फिश होना नहीं होता है
महिलाओं को अपने लिए ब्रेक लेने की बहुत जरूरत है। उन्हें किसी की परवाह करने की जरूरत नहीं है कि कोई उनके बारे में क्या सोचेगा। ब्रेक लेने का मतलब यह नहीं है कि आप बच्चे की देखभाल नहीं करेंगे। आप अच्छी माँ नहीं बनेगी या आप सेल्फिश हो जाएगी। आपकी मां होने के बिना भी एक आइडेंटिटी है। आप अपने शरीर के उपर ध्यान दीजिए। सेल्फ केयर को प्रायोरिटी दीजिए जो आपका मन करता है, उसे खाएं। एक दिन आप रेस्ट चाहती हैं, बिना किसी गिल्ट के उसे ले। लोगों को न कीजिए। आप शॉपिंग पर जाना चाहती है या अकेले फ्रीडम के साथ दिन गुजारना चाहती है तो कीजिए। दोस्तों के साथ घूमने जाना है, बेशक जाएं। आपको भी अपना आप कुर्बान करने की जरूरत नहीं है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आप खुद को कुर्बान से एक अच्छी मां बन पाएंगे तो यह आपकी गलतफहमी है। बच्चों के साथ-साथ खुद को भी एंजॉय करना मत भूलिए।