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क्यों पार्टनर होने पर भी महिलाओं को Independent होने की जरूरत है?

महिलाओं को आर्थिक आजादी से वंचित रखा गया है जिसकी वजह से वे अपनी लाइफ के फैसले नहीं ले पाती और ना ही दूसरों को मना कर पाती हैं। आर्थिक आजादी से आपके पास हर तरीके की आजादी आती है लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता है।

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Rajveer Kaur
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Business Women

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Why Women Need Independence In Relationship: जब भी महिलाओं के इंडिपेंडेंट होने की बात आती है तो ऐसा बोल दिया जाता है कि इन्हें अपने पैरों पर खड़े होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आखिर में शादी हो जाती है और पार्टनर उनके खर्च उठाने के लिए है। ऐसी सोच के कारण सदियों से महिलाओं को आर्थिक आजादी से वंचित रखा गया है जिसकी वजह से वे अपनी लाइफ के फैसले नहीं ले पाती और ना ही दूसरों को मना कर पाती हैं। आर्थिक आजादी से आप सिर्फ पैसा ही नहीं कमाते हैं बल्कि, आपके पास हर तरीके की आजादी आती है लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता है।

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क्यों पार्टनर होने पर भी महिलाओं को Independent होने की जरूरत है? 

पितृसत्तात्मक सोच के कारण महिलाओं की आर्थिक आजादी के ऊपर इतना जोर नहीं दिया जाता है। बचपन से ही महिलाओं को ऐसी ट्रेनिंग नहीं दी जाती है जहां पर उन्हें यह बताया जाएगा कि कैसे उनके लिए करियर और पैसा कमाना जरुरी नहीं है। लड़कों के करियर पर ज्यादा पैसा खर्च किया जाता है और उन्हें गाइडेंस भी दी जाती है। वहीं पर अगर किसी महिला को करियर में आगे बढ़ना है या फिर अपने पैरों पर खड़े होना है तो बहुत कम ऐसे लोग हैं जो उनके साथ देंगे, नहीं तो लोग उन्हें जज ही करते हैं या फिर उनके चरित्र पर सवाल उठाते हैं।

खुद के उपर अधिकार (Autonomy)

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इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पार्टनर आपको आर्थिक रूप से कितना सपोर्ट करता है। जब तक आप खुद आर्थिक रूप से आजाद नहीं है तब ततक आपका अपने ऊपर कोई अधिकार नहीं रहेगा। आपको सभी फैसले अपने पार्टनर से पूछ कर लेने पड़ेंगे। आप पूरी तरह से पैसे के लिए अपने पार्टनर के ऊपर निर्भर हो जाएंगे जिसके कारण आपकी खुद पर कोई ऑटोनॉमी नहीं रहेगी। इसलिए महिला को आर्थिक रूप से आजाद जरूर होना चाहिए ना कि पार्टनर से अपेक्षा रखनी चाहिए कि वह आपको आर्थिक रूप से सपोर्ट करेगा।

एक दूसरे को सपोर्ट मिलता है

जब एक महिला किसी रिश्ते में आर्थिक रूप से आजाद होती है तो उसके मेल पार्टनर को भी बहुत सपोर्ट मिलता है क्योंकि कई बार उन्हें भी आर्थिक उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं। ऐसे आपका रिश्ता भी बहुत मजबूत होता है। आप एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। ऐसा नहीं होता है कि एक पार्टनर के ऊपर ही आर्थिक रूप से बोझ आ जाता है। आर्थिक बोझ सिर्फ पुरुष के ऊपर ही नहीं डालना चाहिए।

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अपने सपनों को पूरा करना

बहुत सारी महिलाएं शादी के बाद अपनी ख्वाहिशों को खत्म कर देती हैं या फिर अपने गोल्स को पूरा नहीं कर पाती। वही पर अगर एक महिला जॉब करती है या फिर उसका कोई बिजनेस है तो वह अपने गोल, हॉबीज या फिर करियर में आगे बढ़ सकती हैं। इसके लिए उसे किसी की मदद की जरूरत नहीं होती बल्कि वह अपने लिए बहुत कुछ कर सकती है। आपने अपनी माता या फिर दादी को यह कहते जरूर सुना होगा कि उनकी भी बहुत ख्वाहिशें थीं लेकिन उन्हें किसी का सपोर्ट नहीं मिला। वहीं पर जब महिला आत्मनिर्भर होती है तो उसे किसी की तरफ देखना नहीं पड़ता है बल्कि वह अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जी सकती है।

इसलिए महिलाओं को यह कभी नहीं सोचना चाहिए या फिर इस बात को मानना चाहिए कि उनकी जिंदगी में पार्टनर उन्हें आर्थिक सपोर्ट करने के लिए है। उन्हें खुद आर्थिक रूप से आजाद होना चाहिए और पार्टनर को भी फाइनेंशली सपोर्ट करना चाहिए। इससे आपको बहुत सारे फायदे मिलेंगे और आप अपने फैसले खुद कर पाएंगे। आपको किसी के ऊपर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

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