Why Women Should Take Permission Of Husband to Serve Their Parents: शादी लड़कियों के जीवन की एक ऐसी घटना है जिससे उनके जीवन में काफी कुछ बदल जाता है, एक पल में माँ- बाप, भाई- बहन सभी रिश्ते दूर हो जाते हैं। यह सफर किसी भी लड़की के लिए आसान नहीं होता। ससुराल के व्यवहार और आदतों के हिसाब से लड़की को एडजस्ट करना पड़ता है। बहुत कम ऐसे परिवार होते हैं जो बहु के साथ खुद भी चेंज और एडजस्ट होते हैं। ज्यादातर परिवारों में ल़डकियों पर ही चेंज होने का प्रेशर डाला जाता है। इसके साथ लड़की को अपने माँ-बाप से मिलने या उनकी मदद के लिए अपने ससुराल या पति से आज्ञा लेनी पड़ती है। क्या यह बात अजीब नहीं लगती? बिलकुल लगती है, क्यों एक महिला के साथ ही ऐसा होता है आज हम इस पर ही चर्चा करेंगे।
अपने पैरेंट्स की सेवा के लिए महिलाएँ क्यों लें पति की आज्ञा
अपने ही माँ बाप से मिलने के लिए आज्ञा, कैसी है यह सोच?
आप सोचकर देखिए जिन्होंने आपको जन्म दिया, पालन पोषण किया, ज़िन्दगी के हर मोड़ पर आपका साथ दिया और एकदम आपको उनसे मिलने के लिए हर बार किसी से पूछना पड़े, उस स्थिति में आप कैसा महसूस करेंगे? ऐसा ही एक लड़की के साथ होता है जब उसकी शादी होती है उसे अपने मायके जाने के लिए पति और सुसराल से पूछना पड़ता हैं। अपने माँ-बाप को लड़कियां शादी के बाद प्रायोरिटी नहीं दे सकती क्योंकि इससे उनकी शादी पर असर पड़ सकता है। इस डर से माँ बाप भी बेटी को उनसे मिलने या फिर मायके आने के लिए नहीं कहते।
शादी में सभी समझौते लड़कियों के लिए क्यों
आप कोई भी शादी देख लें लड़कियों को ही समझौते करने पड़ते हैं। अगर उनकी तरफ से ऐसा न किया जाए तो रिश्ते टूट जाते हैं। अपने घरों में आपने देखा ही होगा कि हमारी माताओं और दादियों ने शादी के बाद सुसराल के लिए कितनी ही चीज़ो का त्याग कर दिया होगा। आज की नारी ने अब जुर्म के खिलाफ बोलना शुरू किया है तो रिश्ते भी टूटने लगे हैं। जिससे यह बात समझ आती है कि ज्यादातर शादियां औरतों के एफर्ट्स से चलती है जब वो अपने लिए बोलती है तब रिश्ता ही खत्म हो जाता है।
महिलाएं शादी से पहले ही इस बात को कन्फर्म करें कि वो शादी के बाद फ्रीली अपने माँ-बाप को मिलेंगी। जैसे शादी के बाद लड़की की एक सुसराल के प्रति ज़िम्मेदारी बनती है वैसे ही लड़की की अपने मायके के प्रति ज़िम्मेदारी खत्म नहीं होती है।