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Women Empowerment: शादी के मामले में महिलाएं क्यों बन जाती हैं 'गोल्ड डिगर'

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हर बच्ची को बचपन से ही सीखा समझा दिया जाता है कि उसका जीवनसाथी एक राजकुमार होगा, जो सफ़ेद घोड़े पर बैठकर उसे राजमहल ले जायेगा। आखिर बच्चो को इस तरह के विचारों से गुमराह करने का क्या मतलब है? शादी के मामले में हर माँ अपनी बच्ची को एक अमीर पति कि ख्वाहिश रखने के लिए उकसाती है। जब वही छोटी बच्चिया बड़ी हो जाती हैं तो उनको अहसास होता है कि यह मानसिकता कितनी खराब और पिछड़ी हुई है। लेकिन क्या अपनी बेटियों को इस विचार से प्रेरित करना सही है कि एक अमीर पति का होना महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है? या कि महिलाओं के पैसे का स्रोत हमेशा उनके पति की सैलरी ही होना चाहिए?

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Women Empowerment: शादी के मामले में महिलाएं क्यों बन जाती हैं 'गोल्ड डिगर'

समाज के अनुसार, 'गोल्ड डिगर' उन महिलाओं को कहा जाता है जो किसी रिश्ते के लिए उनसे संपर्क करते समय पुरुषों के धन पर नजर रखती हैं, न कि उनके व्यक्तित्व पर। 'गोल्ड डिगर' का इस्तेमाल अक्सर महिलाओं को धनवान और लालची के रूप में दिखाने के लिए किया जाता है।  हालांकि, यह कोई नहीं समझता कि इस तरह की मानसिकता महिलाओं के डीएनए में नहीं है बल्कि यह तो बचपन से उनको सिखाया जाता है। इस बात में इंडियन पेरेंट्स की एक बहुत बड़ी भूमिका है। माँ अक्सर बच्चियों को 'सूरत नहीं पैसा देखो' की सीख देती हैं, जो की गलत है।  

पेरेंट्स को चाहिए बेटियों को फाइनशियली इंडिपेंडेंट होना सिखाएं 

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हमारे समाज में माता-पिता शायद ही कभी महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना सिखाते हैं। बल्कि वे बेटियों को कमाऊ पति ढूंढने के लिए प्रेरित करते हैं। एक ऐसे व्यक्ति की तलाश करें जो आपका ख्याल रख सके और बदले में घर के सारे काम काज और आराम उसे हासिल हो। घर की देखभाल करें, बच्चों की परवरिश करें और पति के बूढ़े माता-पिता की देखभाल करें- यह एक महिला का कर्तव्य है। लेकिन करियर बनाने और अपना पैसा कमाने के बारे में क्या? इंडियन पेरेंट्स के लिए यह ऑप्शनल है। पेरेंट्स को चाहिए बेटियों को फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होना सिखाएं ।

वर्किंग वीमेन के संघर्षो को देख पेरेंट्स में होता है डर

अधिकांश माता-पिता कामकाजी महिलाओं के प्रति समाज के कठोर व्यवहार को देख कर अपनी बेटियों को घरेलु बनाना चाहते है और यहाँ तक कि एक कामकाजी महिला को भी घर के सारे काम करने पड़ते हैं, जिससे उसे अपनी शादी में किए जाने वाले काम दुगने हो जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, माता-पिता अक्सर महसूस करते हैं कि उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनकी बेटी शादी के बाद आराम से रहे। उसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने या नौकरी पाने के लिए प्रोत्साहित करने का क्या मतलब है यदि उसे वर्क-लाइफ बैलेंस करने के लिए शादी के बाद भी प्रोब्लेम्स को फेस करना पड़े?

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