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Widow Women: क्या विधवा होने के बाद महिलाओं की कोई ज़िंदगी नहीं होती?

आज भी विधवाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। पहले समय में औरत के पति की मौत के साथ उसे भी दफ़ना दिया जाता था आज इस चीज़ के प्रति बहुत नज़रिया बदल गया है लेकिन फिर भी इस चीज़ के प्रति हमें और भी खुली सोच की ज़रूरत है-

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Rajveer Kaur
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ब्लॉग | ओपिनियन

Women Life After The Death Of Husband (Image Credit: twocircles.net)

Women Life After The Death Of Husband: विधवा औरत यानी जिसके पति की मौत हो गई है। एक विधवा महिला के लिए ज़िंदगी गुज़ारना बहुत कठिन बन जाता है ऐसा इसलिए नहीं कि उसके पति की मौत हो गई अब वह क्या करेगी? इसलिए क्यूँकि समाज में विधवा होना नॉर्मल नहीं माना जाता है। आज भी विधवाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। पहले समय में औरत के पति की मौत के साथ उसे भी दफ़ना दिया जाता था आज इस चीज़ के प्रति बहुत नज़रिया बदल गया है लेकिन फिर भी इस चीज़ के प्रति हमें और भी खुली सोच की ज़रूरत है-

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Widow Women: क्या विधवा होने के बाद महिलाओं की कोई ज़िंदगी नहीं होती?

विधवा होने का मतलब ज़िंदगी ख़त्म होना नहीं है

विधवा होने का मतलब कभी भी यह नहीं है कि उस औरत की अब ज़िंदगी ख़त्म हो गई। यह हमारे समाज की एक बहुत पुरातन सोच है। महिला को अपने पार्ट्नर की मौत का दुःख होता है और इस दुःख में हम साझेदार हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है वह महिला अपनी ज़िंदगी को जीना ही छोड़ दे।

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मर्दों के साथ अलग व्यवहार क्यों?

इस मामले में मर्दों के साथ बिल्कुल भी सख़्ती नहीं है। मर्द दूसरी शादी भी कर सकते हैं। उन्हें सफ़ेद कपड़े पहनने की जरूरत नहीं है। इसके साथ महिलाओं के कुछ रिवाजों में बाल काट दिए जाते हैं लेकिन मर्द के साथ ऐसा कुछ भी नहीं होता है।

महिलाएँ अपनी ज़िंदगी को ना रोकें 

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महिला को समाज में विधवा होने पर बहुत ही ज़्यादा बेचारा और लाचार बना दिया जाता है लेकिन असल में ऐसा नहीं होता हमारे घर में और भी रिश्ते हैं जिनकी कभी न कभी मृत्यु हो जाए तब भी हम सारी ज़िंदगी शोक या दुःख ज़ाहिर करते हैं? इसका जवाब है नहीं लेकिन पति की मौत होने पर पत्नी के साथ ऐसा व्यवहार क्यों?

महिलाएं रिलेशनशिप में आ सकती हैं 

विधवा होने का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि महिला दुबारा रिलेशन में नहीं आ सकती है। यह उस महिला का निजी हक़ है कि उसे आगे ज़िन्दगी में कैसे बढ़ना है। महिला को अपनी ज़िन्दगी पर पूरा अधिकार है उसे बिलकुल भी किसी गिल्ट में आने की जरुरत नहीं है। इस समय पर समाज का दबाव भी आ सकता है कि तुम यह क्या कर रही हो? लेकिन आप उस चीज़ से अपनी ज़िन्दगी को ना रोकें। 

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विधवा होना कोई अभिशाप नहीं है यह किसी के साथ हो सकता है ऐसे समय में महिलाओं को बिलकुल भी गिल्ट या कमज़ोर होने की जरुरत नहीं है। महिलाएं इस चीज़ का सामना हिम्मत से करें। 

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