Women, Stop Justifying Toxic Men's Behavior: यह बात सुनने में कड़वी लग सकती है लेकिन पुरुषों के गलत व्यवहार को हौसला मिलने के पीछे औरतों का भी कहीं ना कहीं हाथ जरूर है। अगर हम अपने आसपास देखे तो बहुत सारी ऐसी महिलाएं होती हैं जो पुरुषों के गलत व्यवहार को सही बताने के लिए हर कोशिश करती हैं। उदाहरण के तौर पर अगर एक पति अपनी पत्नी के साथ हिंसक है तो लड़के की मां यह कहकर अपने बेटे को सही कहेगी कि जरूर इसकी पत्नी ने ही कुछ गलत किया होगा। अब सवाल यह खड़ा होता है कि लड़कियों को मारने की इजाजत लड़कों को किसने दी है? आज हम इसके बारे में ही बात करेंगे
महिलाएं पुरुषों के गलत व्यवहार को जस्टिफाई करना बंद करें
बहुत सारे पुरुष इसलिए बेखौफ होते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि हमें कोई गलत बोलने वाला नहीं है। जब तक हम गलत को गलत नहीं बोलेंगे तब तक हमारे आसपास महिलाओं के साथ ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। लड़की के साथ रेप हो जाने पर भी हम लड़के को सही कहने लग जाते हैं। अगर लड़के हिंसक होते हैं तब हम कहते हैं कि जरूर लड़की ने ही कुछ गलत किया होगा या फिर उसके मना करने पर उसने कोई ऐसा काम किया होगा।
बहुत सारी महिलाएं हैं अपने साथ हो रहे हैं अन्याय को सही कहने में लगी होती हैं जैसे अगर उनके पति या फिर पिता घर से बाहर नहीं जाने दे रहे हैं तो उनका कहना होता है कि वे हमारी सेफ्टी के कारण हमें बाहर नहीं जाने देते हैं। अगर वह उन्हें उनकी पसंद के कपड़े नहीं पहनने देते हैं तो उनका स्पष्टीकरण यह होता है कि आजकल माहौल ठीक नहीं है और सादगी भारतीय कपड़ों में ही होती है। अगर वह उन्हें कहीं अकेले नहीं जाने देते हैं तो महिलाओं का यह कहना होता है कि यह हमें रानी की तरह रखते हैं। हमें बिल्कुल भी तकलीफ नहीं होने देते।
महिलाओं को यह बात समझनी होगी कि यह बिल्कुल भी सही व्यवहार नहीं है। अगर कोई आपको कंट्रोल कर रहा है या फिर आप पर रोक-टोक लग रहा है तो इसका मतलब है कि आप गलत हाथों में है। वहां पर अगर आप उसे गलत नहीं कहेंगे बल्कि उनके ऐसे व्यवहार को का स्पष्टीकरण देंगे या फिर उन्हें सही ठहराने की कोशिश करेंगे तो सामने वाले को लगेगा कि आप उनके व्यवहार के साथ सहमत हैं। उन्हें आपके इस व्यवहार से कोई प्रॉब्लम नहीं है हालांकि अंदर से आप कुछ और चाहते हैं। इसलिए अब महिलाओं को पुरुषों की गलतियों को के ऊपर पर्दा डालने की जरूरत नहीं है बल्कि गलत को गलत और सही को सही कहने की जरूरत है। इससे आप खुलकर जी पाएंगे और अपने फैसले खुद ले पाएंगे।