Is Your Partner Gaslighting You? गैसलाइटिंग एक मानसिक दुर्व्यवहार का रूप है, जिसमें व्यक्ति दूसरे को अपने ही विचारों, अनुभवों या भावनाओं पर संदेह करने के लिए मजबूर करता है। यह एक गुप्त और बेहद खतरनाक प्रक्रिया होती है, जो धीरे-धीरे आपके आत्म-सम्मान और मानसिक स्थिरता को खत्म कर सकती है। अगर आप सोच रहे हैं कि कहीं आपका पार्टनर भी आपको गैसलाइटिंग तो नहीं कर रहा, तो इन संकेतों पर ध्यान दें।
कहीं आपका पार्टनर आपको गैसलाइटिंग तो नहीं कर रहा?
1. आपकी भावनाओं को नकारना
गैसलाइटिंग का सबसे आम लक्षण यह है कि आपका पार्टनर आपकी भावनाओं को महत्व नहीं देता और उन्हें नकारता है। अगर आप किसी चीज़ से आहत होते हैं और जब आप इसे व्यक्त करते हैं, तो आपका पार्टनर आपकी भावनाओं को बेवजह और तुच्छ बताता है। वह आपको यह विश्वास दिलाने की कोशिश करता है कि आपकी भावनाएं गैर-जरूरी हैं या आप स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे हैं।
2. वास्तविकता को विकृत करना
गैसलाइटिंग के दौरान, आपका पार्टनर घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर पेश कर सकता है। वह आपको यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर सकता है कि आपके द्वारा देखा या सुना गया कुछ भी गलत है। उदाहरण के लिए, अगर वह कुछ ऐसा कहता है जो आपको चोट पहुंचाता है और बाद में वह यह कहता है कि उसने कभी ऐसा नहीं कहा, तो यह गैसलाइटिंग का संकेत हो सकता है। इसका उद्देश्य आपको वास्तविकता पर संदेह करने के लिए मजबूर करना है।
3. आपको दोषी ठहराना
गैसलाइटिंग का एक और तरीका यह है कि आपका पार्टनर हमेशा आपको हर स्थिति के लिए दोषी ठहराता है। चाहे वह किसी बहस की बात हो या किसी अन्य स्थिति की, वह यह दर्शाने की कोशिश करता है कि आप ही हर समस्या की जड़ हैं। इस प्रकार के व्यवहार से व्यक्ति को आत्मग्लानि होती है और वह अपनी गलती मानने लगता है, भले ही उसमें उसकी कोई गलती न हो।
4. बार-बार झूठ बोलना
गैसलाइटिंग करने वाले लोग अक्सर झूठ बोलने में माहिर होते हैं। वे बिना किसी झिझक के बार-बार झूठ बोलते हैं और जब आप उन पर सवाल उठाते हैं, तो वे आपको ही गलत साबित करने की कोशिश करते हैं। इस तरह के झूठे बयान आपको भ्रमित कर सकते हैं और आप यह सोचने लगते हैं कि कहीं आप ही तो गलत नहीं हैं। यह मानसिक रूप से बहुत ही थका देने वाला होता है।
5. आपकी आत्म-सम्मान को खत्म करना
गैसलाइटिंग का अंतिम उद्देश्य व्यक्ति के आत्म-सम्मान को पूरी तरह से खत्म करना होता है। आपका पार्टनर लगातार आपके आत्मविश्वास को कमजोर करने की कोशिश करता है। वह आपके निर्णयों, क्षमताओं और विचारों को बार-बार कमतर बताता है, जिससे आप खुद पर संदेह करने लगते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि आप उसके ऊपर पूरी तरह निर्भर हो जाते हैं और अपनी खुद की पहचान खो देते हैं।