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Photograph: (pexels)
किसी के लिए भी ब्रेकअप या सेपरेशन सिर्फ एक रिश्ते का अंत नहीं होता, बल्कि एक इंसान के आत्मविश्वास, भरोसे और उम्मीदों की सबसे बड़ी परीक्षा भी होता है। और अगर ये सब आपकी करीबी दोस्त के साथ हो रहा हो, तो उसका टूटना आपके लिए भी आसान नहीं होता। ऐसे वक़्त में आपकी मौजूदगी उसके लिए सबसे बड़ा सहारा बन सकती है, बस शर्त ये है कि आप उसे “सुधारने” नहीं, बल्कि “समझने” की कोशिश करें।
जानिए Breakup या Separation में दोस्त का साथ कैसे दें?
1. शब्दों से नहीं, अपनी मौजूदगी से जताएँ साथ
कई बार टूटे दिल को समझाने के लिए बड़े-बड़े शब्दों की नहीं, बस किसी के शांत साथ की ज़रूरत होती है। उसके पास रहें, लेकिन उसकी भावनाओं को जल्दी बदलने की कोशिश ना करें। सिर्फ आपकी मौजूदगी ही उसके लिए healing की शुरुआत बन सकती है।
2. उसे बोलने दें, बिना टोके सुनें
जब कोई रिश्ता टूटता है, तो उस इंसान के अंदर कई तरह की भावनाए उठती रहती है ग़ुस्सा, पछतावा, खालीपन या डर। आपकी दोस्त को इन सबको बाहर निकालने की ज़रूरत होगी। उसे “सब ठीक हो जाएगा” कहने से ज़्यादा ज़रूरी है कि आप बिना टोके और बिना अपनी राय दिए बस उसे सब कुछ कहने दें। कई बार किसी का बस पेशेंस से सुन लेना ही सबसे बड़ी राहत देता है।
3. “मूव ऑन” करने का प्रेशर ना बनाए
हर किसी की healing का अपना टाइम होता है। उसे ज़बरदस्ती खुश करने की कोशिश या “अब भूल जा उसे” जैसे शब्द उसकी तकलीफ़ को और गहरा कर सकते हैं। उसके बजाय आप बस उसके साथ रहें, चाहे वो चुप रहना चाहती हो या रोना। धीरे-धीरे वो खुद रास्ता ढूँढ लेगी, बस उसे उस वक़्त अकेला महसूस ना होने दें।
4. Ex के बारे में बुरा बोलने या अपडेट देने से बचें
गुस्से में हम अक्सर एक्स को कोसकर दोस्त को बेहतर महसूस कराने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे वो अतीत में फँसकर रह जाएगी, बाहर नहीं निकल पाएगी। कई बार हम “सुना है वो किसी और को डेट कर रहा है” जैसी बातें कहकर अनजाने में उसकी curiosity को fuel कर देते हैं । यही बातें पुराने घावों को फिर ताज़ा कर देती हैं। बेहतर है कि आप उसे present पर लौटने में मदद करें, अतीत में ना खींचें। इसलिए आपको ध्यान देना होगा कि आप उसे Ex की लाइफ की कोई अपडेट ना दें।
5. उसे खुद को फिर से ढूँढने में मदद करें
रिश्ते टूटने के बाद सबसे बड़ा सवाल होता है कि “उसके बिना अब मैं क्या हूँ?” ऐसे में उसे याद दिलाएँ कि उसकी पहचान सिर्फ उस रिश्ते से नहीं थी। उसे उन चीज़ों की ओर लौटने में मदद करें जो उसे पहले खुश करती थीं, चाहे वो कोई काम हो, कोई हौबी या नया goal।
6. भरोसा दिलाएँ, सहारा नहीं
कई बार हमें लगता है कि एक टूटे दिल इंसान को सिर्फ सहारे की नहीं, भरोसे की ज़रूरत होती है कि वो खुद फिर से खड़ी हो सकती है। उसे याद दिलाएं कि ये एक एंड नहीं, बल्कि ज़िंदगी को फिर से एक नए सिरे से देखने की शुरुआत है।
हमेशा याद रखें कि इस नाज़ुक समय में आपकी दोस्त को “perfect advice” नहीं, बस “real care” चाहिए।आपकी कोशिश उसे distract करने की नहीं, धीरे-धीरे ज़िंदगी से दोबारा जोड़ने की हो। ऐसे आपकी बातें उसकी healing को आसान बना सकती हैं।
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